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विबोध गुप्ता ने सरपंच सज्जाद अहमद की आतंकियों द्वारा की गई हत्या की कड़ी निंदा की

भाजपा के प्रदेश महासचिव और पूर्व एमएलसी विबोद गुप्ता ने गुरूवार को मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत के दौरान अज्ञात आतंकवादियों द्वारा सुबह-सुबह कश्मीर के काजीगुंड से सरपंच सज्जाद अहमद खांडे की हत्या की कड़ी निंदा की। कश्मीर में निर्दाेष लोगों की जान जाने पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि कश्मीर में शांति दुश्मनों पर भारी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता शांति और विकास का एक बहादुर दूत है और पूरी पार्टी और राष्ट्र इन पार्टी कार्यकर्ताओं के पीछे है।

इस अवसर पर विबोध ने उन सभी के लिए एक कड़ी चेतावनी जारी की, जो सोचते हैं कि इस तरह के दबाव की रणनीति के माध्यम से वे भाजपा पार्टी के कार्यकर्ताओं को भयभीत करेंगे। विबोध ने बहुत ही कड़े शब्दों में उन्हें अवगत कराया कि ऐसे लोगों को यह पता होना चाहिए कि एक बार जब वे कश्मीर में एक पार्टी कार्यकर्ता को मार देंगे, तो सैकड़ों और कार्यकर्ता उठेंगे और राष्ट्र के लिए खड़े होंगे। शांतिप्रिय लोगों की ये कुर्बानियां कभी बेकार नहीं जाएंगी और उनकी हर खून की बूंद कश्मीर में पार्टी को और मजबूत करेगी।

कश्मीर में शांति और विकास लाने के लिए माननीय प्रधान मंत्री मोदी के मजबूत संकल्प की सराहना करते हुए, विबोध ने कहा कि हर व्यक्ति को यह जानना चाहिए कि एक बार जब कोई व्यक्ति कुछ तय करता है, तो वह उसे तार्किक निष्कर्ष पर ले जाता है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के विजन और मिशन के अनुसार कश्मीर में वही होगा जो कश्मीर को देश के सबसे विकसित हिस्से के रूप में बनाना चाहता है।

उन्होंने आगे कहा कि आज जो भी लोग राष्ट्रविरोधी और भ्रष्ट हैं, उन्हें देशभक्त भाजपा कार्यकर्ताओं से भय की भावना है और यही एकमात्र कारण है कि वे फिर से भय का माहौल बनाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने प्रत्येक पार्टी कार्यकर्ता से चट्टान की तरह खड़े रहने का आह्वान किया।

उन्होंने अधिकारियों से कश्मीर में भाजपा पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया। उन्होंने सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को विश्वास दिलाया कि वे कश्मीर का एकमात्र भविष्य हैं और उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए काम करना चाहिए कि ऐसे विरोधी तत्वों को कभी कश्मीर में जगह नहीं मिले। उन्होंने कहा कि यह दुश्मनों के नापाक मंसूबों से लड़ने का एकमात्र तरीका है, जो इस कोविड-19 महामारी के कठिन समय में भी निर्दाेष कश्मीरियों को नहीं बख्श रहे हैं।

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