1. सीताराम येचुरी का पार्थिव देह परिवार ने किया AIIMS को दान, जाने डोनेट के बाद कब मिलेगी बॉडी वापस?
CPI(M) नेता सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) ने गुरुवार को अंतिम सांस ली. येचुरी 72 साल के थे और लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे. उनके देहांत के बाद येचुरी के परिवार ने उनकी पार्थिव देह को एम्स (AIIMS) को दान (body Donate) करने का फैसला किया है. अब येचुरी का अंतिम संस्कार नहीं होगा और बॉडी को रिसर्च या एजुकेशन के काम में लिया जाएगा. येचुरी की फैमिली की ओर से बॉडी डोनेट करने के बाद देहदान को लेकर भी चर्चा हो रही है और लोगों के मन में कई सवाल भी हैं, तो जानते हैं उन सवालों के जवाब… सबसे पहले तो आपको बता दें कि जब किसी व्यक्ति के शरीर को मृत्यु के बाद किसी हॉस्पिटल को दान दिया जाता है तो वो परिवार को एक समय बाद वापस दे दी जाती है. बॉडी डोनेशन को लेकर न्यूरोसर्जन डॉक्टर मनीष कुमार ने विस्तार से बताया कि बॉडी दान के करने के बाद क्या क्या होता है. डॉक्टर मनीष कुमार के अनुसार, जब किसी की बॉडी दान दे दी जाती है तो उसे स्टूडेंट्स की एजुकेशन में इस्तेमाल किया जाता है.
बुलडोजर एक्शन (Bulldozer action) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने महीनेभर में दूसरी बार कड़ी टिप्पणी की है। उसने बुलडोजर चलाने की धमकी (Threat bulldozer) नहीं देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को कहा कि किसी अपराध में कथित संलिप्तता संपत्तियों को ध्वस्त (Demolished properties) करने का आधार नहीं है। शीर्ष अदालत ने गुजरात के एक नगर निकाय को आदेश दिया कि वह यथास्थिति बनाए रखे और एक आपराधिक मामले के आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाने की धमकी न दे। कोर्ट ने कहा कि ऐसे देश में जहां कानून सर्वोच्च है, इस तरह ध्वस्त करने की धमकियां अकल्पनीय हैं। कोर्ट ने कहा कि वह ऐसी कार्रवाइयों से बेखबर नहीं रह सकता, जिन्हें देश के कानूनों पर बुलडोजर चलाने के रूप में देखा जा सकता है। जस्टिस हृषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की बेंच ने कहा, ”ऐसे देश में जहां सरकार की कार्रवाई कानून के शासन द्वारा शासित होती है, परिवार के किसी सदस्य द्वारा किया गया अपराध परिवार के अन्य सदस्यों या उनके कानूनी तौर पर निर्मित घर के खिलाफ कार्रवाई को आमंत्रित नहीं करता है। अपराध में कथित संलिप्तता किसी संपत्ति के विध्वंस का आधार नहीं है।”
3. मोदी सरकार दे सकती है दो बड़े तोहफे, मिल रहे हैं तगड़े संकेत, जानिए क्या है मामला
विदेश (abroad) से दो अच्छी खबरें आई हैं, जिसका असर भारत (India) पर भी देखने को मिल सकता है. एक ओर जहां ग्लोबल मार्केट (Global Market) में ब्रेंट क्रूड के दाम (Crude Oil Price) में तगड़ी गिरावट आई है, तो वहीं यूरोप में पॉलिसी रेट कट के बाद अब अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ गई है. इसके संकेत गुरुवार को शेयर बाजार में तेजी के रूप में मिल चुके हैं. दरअसल, क्रूड ऑयल में बदलाव का असर पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पड़ता है, जबकि अमेरिका पॉलिसी रेट में कटौती करता है, तो भारत में भी फेस्टिव सीजन में लोन लेने वालों को राहत मिलने की उम्मीद जागी है. यानी मोदी सरकार देश को लोगों को दो बड़े तोहफे दे सकती है. सबसे पहले बात करते हैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और इससे Petro-Diesel के दामों पर पड़ने वाले असर के बारे में, तो बता दें कि शुक्रवार को ब्रेंट क्रूड की कीमत (Crude Oil Price) 72 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रही है, जबकि WTI क्रूड का भाव 69.27 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है. साल 2021 के बाद क्रूड का दाम इस स्तर पर आया है. महीनेभर में Crude की कीमतों में हुए बदलाव पर नजर डालें तो ये 20-25 डॉलर प्रति बैरल सस्ता हुआ है.
4. हरियाणा में बागियों ने बढ़ाई भाजपा की चिंता, सैनी की सीट भी फंसी
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