- इससे पहले लगे लॉकडाउन से 23 लाख यूनिट ज्यादा हुई शहर में खपत
- लॉकडाउन में भी खूब दौड़े बिजली के मीटर
उज्जैन। दूसरी लहर के दौरान कोरोना के कारण लगे 52 दिन के लॉकडाउन में बाजारों में सन्नाटा रहा। बाजार और दफ्तर बंद रहे। बावजूद इसके उज्जैनवासियों के बिजली के मीटरों की रफ्तार में कोई खास रूकावट नहीं आई। उन्होंने लॉकडाउन के इस दौर में भी 1863 लाख यूनिट बिजली जलाई।
कोरोना की दूसरी लहर के बाद प्रदेश समेत उज्जैन में भी 9 अप्रैल से लॉकडाउन लग गया था। यह 31 मई तक चला था। लॉकडाउन के इन 52 दिनों में शहर की सड़कें सूनी रही। सभी बाजार, दुकानें, मॉल और सिनेमाघर से लेकर कई सरकारी और करीब-करीब सभी निजी दफ्तर और संस्थान बंद रहे। इसके बावजूद बिजली के उपभोक्ताओं का मीटर दौड़ता रहा। विद्युत वितरण कंपनी के कार्यपालन यंत्री राजीव पटेल ने बताया कि इस वर्ष अप्रैल और मई के महीने में उज्जैन शहर में 1863 लाख यूनिट बिजली की खपत रही, वहीं इससे पहले जब साल 2020 में 23 मार्च से लेकर 31 मई तक लगभग 100 दिन का लॉकडाउन लगा था। उस दौरान अप्रैल और मई के महीने में 1840 लाख यूनिट बिजली की खपत उज्जैन शहर में हुई थी।
पिछले साल के लॉकडाउन से 23 लाख यूनिट अधिक
कार्यपालन यंत्री श्री पटेल के मुताबिक वर्ष 2020 में अप्रैल के महीने में लॉकडाउन के दौरान 915 लाख यूनिट बिजली की खपत हुई थी। इसी साल के मई के महीने में 925 लाख यूनिट बिजली जली थी। उपरोक्त दो माह में 1840 लाख यूनिट खपत हुई थी। इसके बाद इस बार के लॉकडाउन में अप्रैल महीने में 927 लाख यूनिट और मई के महीने में 936 लाख यूनिट बिजली की खपत आई है। इन दो महीनों को मिलाकर 1863 लाख यूनिट बिजली उपभोक्ताओं ने जलाई। वर्ष 2020 और 2021 के लॉकडाउन में बिजली की खपत का आंकलन करें तो इस बार के लॉकडाउन में पहले लॉकडाउन के मुकाबले 23 लाख यूनिट बिजली की खपत ज्यादा हुई है। उल्लेखनीय है कि उज्जैन शहर सीमा के अंतर्गत बिजली कंपनी के 1 लाख 27 हजार से ज्यादा उपभोक्ता हैं।