बड़ी खबर

3200 पुलिसकर्मी, केंद्रीय बलों के 1400 जवान तैनात…फिर भी फरार होने में कामयाब रहा अमृतपाल

चंडीगढ़ (Chandigarh)। ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख अमृतपाल सिंह (Chief of ‘Waris Punjab De’ Amritpal Singh) आखिरकार पंजाब (Punjab) से बाहर भागने में कामयाब हो गया। वह आठ जिलों की पुलिस पर भारी पड़ा। हरियाणा (Haryana) में अमृतपाल को पनाह देने वाली महिला की गिरफ्तारी के बाद साफ हो गया है कि वह 19 मार्च को ही पंजाब छोड़ हरियाणा में प्रवेश कर गया था, जबकि पुलिस पंजाब के गांवों में ही खाक छानती रही। जिस दिन वह भागा, उस दिन जालंधर (Jalandhar) में आठ जिलों के 3200 पुलिसकर्मी व अधिकारी, दो केंद्रीय बलों की कपंनियों के 1400 जवान तैनात थे। 50 नाकों पर चेकिंग की जा रही थी लेकिन पुलिस उसे नहीं पकड़ पाई। वह एक के बाद एक कई गाड़ियां बदल कर पुलिस को चकमा देता रहा।

जिन इलाकों में पुलिस उसे तलाश रही थी, वहां से वह आराम से बाइक पर सवार होकर जालंधर के सबसे आखिरी इलाके में पहुंचा और बाद में दिल्ली-अमृतसर नेशनल हाईवे से हरियाणा निकल गया। इससे पंजाब पुलिस और उसके खुफिया तंत्र पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। केंद्र और पंजाब सरकार (Government of Punjab) की 22 दिन की योजना पर पुलिस ने पानी फेर दिया।


18 मार्च को काफिला लेकर अमृतपाल सिंह मुक्तसर साहिब जा रहा था तो कमालके पुलिस चौकी के पास भारी भरकम पुलिस फोर्स देखकर उसने तत्काल मर्सिडीज गाड़ी छोड़ी और ब्रीजा गाड़ी में सवार होकर रॉन्ग साइड से निकल गया। तब करीब सुबह 11:40 बजे के आसपास का समय था। अमृतपाल व उसका साथी पपलप्रीत ब्रीजा में सवार होकर नंगल अंबियां पहुंचे, जहां से गुरुद्वारा साहिब में खाना खाया और अमृतपाल सिंह ने अपना हुलिया बदला। पुलिस की गाड़ियां लिंक रोड व महितपुर, शाहकोट, धर्मकोट, नकोदर, नूरमहल, बिलगा इलाके में उसकी तलाश कर रहीं थीं।
केंद्रीय सुरक्षा बलों के अलावा खुफिया एजेंसी से लेकर काउंटर इंटेलीजेंस की टीम भी सड़क पर थीं। जालंधर के पुलिस कमिश्नर कुलदीप चहल, डीआईजी जालंधर रेंज स्वप्न शर्मा खुद पूरे ऑपरेशन को देख रहे थे। 12 बजे तक पुलिस को साफ हो गया था कि अमृतपाल भाग गया है लेकिन वह नंगल अंबियां गांव में मौजूद था। 18 मार्च को ही वह बाइक पर गुलाबी पगड़ी पहनकर नंगल अंबियां से पपलप्रीत सिंह के साथ निकला था। इसके बाद गांव इस्माइलपुर से होकर महिसमपुर होकर बाइक से करीब 45 किलोमीटर दूर दारापुर (बिलगा) तक पहुंचा।

पंक्चर बनवाने के बाद छोड़ी बाइक, दूसरी बाइक छीन कर आगे निकला
महिसमपुर से दारापुर के बीच रास्ते में उसकी बाइक का टायर पंक्चर हो गया था। उसने एक दुकान पर पंक्चर बनवाया। गांव इस्माइलपुर से रास्ता महिसमपुर से होकर राजोवाल और गुरसियां पीरा पहुंचता है फिर तलवण का इलाका शुरू हो जाता है। तलवण काफी बड़ा कस्बा है और वहां पर आवाजाही भी रहती है। वहां से गांव उप्पल भूपा होते हुए अमृतपाल बिलगा पहुंचा।

बिलगा बड़ा कस्बा है। यह बाइक उसने नहर के पास ही छोड़ दी। यहां अमृतपाल सिंह ने एक और बाइक छीनी और पपलप्रीत के साथ आगे 10 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे तक पहुंचा। यहां से दोनों लुधियाना के निकट हार्डी वर्ल्ड के करीब पहुंचे और ऑटो में बैठकर आगे निकले। गांव बिलगा के रहने वाले रोहित व कमल का कहना है कि उनको तो पता ही नहीं चला कि इलाके में अमृतपाल सिंह आया था, यह तो कल पुलिस वालों ने मोटरसाइकिल बरामद किया तो गांव दारापुर की चर्चा शुरू हुई।

Share:

Next Post

इन देशों में खूब हो रही कीड़े-मकोड़ों की पैदावार, इंसेक्ट फार्मिंग को माना जा रहा प्रोटीन का बढ़िया विकल्प

Fri Mar 24 , 2023
नई दिल्ली(New Delhi) । लाइवस्टॉक (livestock) मतलब पशुधन के बारे में ज्यादातर लोग जानते हैं. इसमें खेती-किसानी में काम आने वाले पशुओं का पालन होता है. लेकिन अब मिनी-लाइवस्टॉक टर्म भी चलन में है. इसमें कीड़े-मकोड़ों जैसे वॉर्म्स, कॉकरोच की पैदावार (cockroach production) की जाने लगी है. पर्यावरण को बहुत कम नुकसान पहुंचाने वाले ये […]