- बहुचर्चित व्यापमं घोटाले में अब फीस का भी फर्जीवाड़ा, 42 परीक्षाएं आयोजित की और परिणाम भी घोषित नहीं, विधानसभा में ही मुख्यमंत्री ने किया स्वीकार
इंदौर। बहुचर्चित व्यापमं घोटाले के चलते विगत वर्षों में हुई कई परीक्षाएं एक-एक कर रद्द कर दी। मगर छात्रों से करोड़ों रुपए की फीस वसूल कर ली। इसका खुलासा मुख्यमंत्री ने ही विधानसभा में पूछे सवाल के जवाब में किया, जिसमें बताया गया कि मंडल की विभिन्न बैंकों में लगभग 483 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जमा है। वहीं अप्रैल-2022 से अभी नवम्बर तक किसी भी प्रतियोगी परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं किया। वहीं उल्टे अभ्यर्थियों से लगभग 114 करोड़ रुपए की फीस और जमा करवा ली गई। राऊ के कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के सवाल के जवाब में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।
इसी तरह का सवाल किसानों की ऋण माफी से संबंधित भी पूछा गया, जिसके जवाब में यह बताया गया कि बीते 3 साल से जानकारी ही एकत्रित की जा रही है। वहीं कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने व्यापमं से संबंधित सवाल भी पूछा कि जनवरी-2020 से अभी नवम्बर-2022 तक किस-किस परीक्षा के लिए विज्ञप्ति जारी की गई, उसकी सूची के साथ कितनी फीस छात्रों से ली, उसकी जानकारी दी जाए और कितने अभ्यर्थी इन परीक्षाओं में सफल घोषित किए गए? इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री की ओर से जो जवाब दिया गया उसमें बताया गया कि इस वित्त वर्ष में तो एक भी प्रतियोगी परीक्षा का परिणाम घोषित ही नहीं किया गया। वहीं जनवरी-2020 से अभी तक 113 करोड़ 84 लाख से अधिक की फीस वसूल कर ली गई और दूसरी तरफ मंडल के विभिन्न बैंकों में 483 करोड़ 67 लाख रुपए से अधिक जमा है। कांग्रेस विधायक श्री पटवारी का कहना है कि जब मंडल के पास इतनी बड़ी राशि पहले से ही जमा है तो हर बार अभ्यर्थियों से मोटी फीस क्यों वसूल की जाती है और बदले में परीक्षा परिणाम भी घोषित नहीं किए गए। ऐसे में इन अभ्यर्थियों को इनकी परीक्षा फीस वापस लौटाई जाना चाहिए। व्यापमं द्वारा आयोजित की गई 42 परीक्षाओं और उनकी जारी की गई विज्ञप्ति की सूची भी विधानसभा में प्रस्तुत की गई है।
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