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विपक्ष की अनुपस्थिति में राज्यसभा में 7 महत्वपूर्ण बिल हुए पास

नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट काल के बीच शुरू हुआ मानसून सत्र वक्त से पहले ही खत्म हो गया। बुधवार को राज्यसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा में हुए हंगामे के बाद से ही विपक्ष ने सदन का बहिष्कार किया और बीते पूरे दिन राज्यसभा में विपक्ष के सांसद मौजूद नहीं रहे। इसी दौरान केंद्र सरकार ने ऊपरी सदन में सात बिलों को पास करवा लिया, जिनका आने वाले वक्त में काफी महत्व है।

राज्यसभा में विपक्ष के मौजूद ना होने से सरकार को बिलों को पास कराने में कोई दिक्कत नहीं आई और सिर्फ साढ़े तीन घंटे के वक्त में ही सात बिलों को ध्वनि मत से आसानी से पास करवा दिया गया। सिर्फ बिल पेश हुए, सत्ता दल के सांसदों ने ही अपनी बात कही और बिल ध्वनि मत से पास हो गया। हालांकि, विपक्ष की ओर से एआईएडीएमके, बीजेडी, वायएसआर कांग्रेस, टीडीपी जैसी कुछ पार्टियों ने बहस में हिस्सा लिया, जो सरकार में ना रहते हुए भी कई बार मोदी सरकार का साथ देती रही हैं।

कौन-से हैं वो बिल जो साढ़े तीन घंटे में पास कर लिए गए

1. इंडियन इंस्टट्यूट ऑफ इन्फॉमर्मेशन टेक्नोलॉजी लॉ (अमेंडमेंट) बिल 2020
देश में बनाई जा रही पांच नई IIIT को संसद से मंजूरी और उनकी जरूरत के बारे में इस बिल में विस्तार से जानकारी दी गई है। इन IIIT को बनाने के लिए कैबिनेट से मंजूरी मिल गई थी, लेकिन सदन से मंजूरी मिलना जरूरी है। बिल के पास होने से औपचारिक रूप से सूरत, भोपाल, भागलपुर, अगरतला और रायचूर में बनने वाली IIIT का रास्ता साफ हुआ है।

2. आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक, 2020
इस बिल के पास होने के बाद अब दाल, अनाज, तिलहन, खाद्य तेलों, प्याज एवं आलू को आवश्यक वस्तुओं की सूची से बाहर कर दिया गया है। यानी ऐसे सामानों को स्टोरेज करने में कोई दिक्कत नहीं होगी, साथ ही युद्ध या किसी अन्य आपातकाल की स्थिति में सरकार स्टोरेज को लेकर आदेश दे सकती है. ये बिल कृषि बिल से ही जुड़ा है।

3. द बैंकिंग रेगुलेशन (अमेंडमेंट बिल 2020)
इस बिल के तहत अब कॉपरेटिव बैंकों को भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अंतर्गत लाया गया है। सरकार का कहना है कि कॉपरेटिव बैंकों की गवर्नेंस में सुधार करने और जमाकर्ताओं के पैसे की सुरक्षा के लिए यह विधेयक लाया गया है। पिछले साल सामने आए PMC बैंक जैसे घोटालों को देखते हुए ये बिल काफी अहम है।

4. द कंपनी (अमेंडमेंट) बिल 2020
छोटी-बड़ी कंपनियों को राहत देने के लिए सरकार की ओर से ‘कंपनी (संशोधन) विधेयक-2020′ को मंजूरी दी गई है, जिसके तहत कुछ अपराधों को आर्थिक जुर्म की श्रेणी से बाहर निकाला गया है। हालांकि, निर्मला सीतारमण के अनुसार, गंभीर किस्म के आपराध आर्थिक जुर्म की श्रेणी में पहले की तरह बने रहेंगे। इस अधिनियम के दायरे में सिर्फ बड़ी कंपनियां नहीं, बल्कि छोटे-छोटी कंपनियां भी हैं।

5. द नेशनल फोरेंसिंक साइसेंस यूनिवर्सिटी बिल 2020
इस बिल को सबसे पहले मार्च में लाया गया था, लेकिन सत्र खत्म होने के कारण इसे अब पास किया गया। बिल के तहत गुजरात और नई दिल्ली की दो रिसर्च यूनिवर्सिटी को राष्ट्रीय रिसर्च यूनिवर्सिटी के अंतर्गत लाया गया है। बिल के अंदर यूनिवर्सिटी के निर्माण, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर, नीतियों, फंडिंग के बारे में बताया गया है।

6. राष्ट्रीय रक्षा यूनिवसिर्टी बिल 2020
इस बिल के तहत गुजरात के रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया जाएगा। बिल का मुख्य लक्ष्य सेना, पुलिस और सुरक्षा से जुड़े अन्य विभागों के लिए रिसर्च करना, नई पीढ़ी को तैयार करना है। इसके तहत दुनियाभर की यूनिवर्सिटी, पाठ्यक्रम की स्टडी की जाएगी और यूनिवर्सिटी में शामिल किया जाएगा।

7. द टेक्ससेशन एंड अदर लॉ बिल 2020
संसद द्वारा पारित किए गए इस बिल के तहत वो अध्यादेश आएंगे, जिनमें टैक्स छूट की बात की गई थी। कोरोना संकट के दौरान सरकार ने ITR को देरी से भरने, कुछ जगह छूट देने जैसे फैसले लिए थे। इसके अलावा TDS-TCS को लेकर 2021 तक छूट देने का ऐलान किया था। ऐसे में सरकार द्वारा जो अध्यादेश पारित किए गए, उन्हें बिल के रूप में सदन से मंजूरी दिलवाई गई।

 

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