img-fluid

विपक्ष के बहिष्कार के बीच तीसरा कृषि बिल राज्यसभा में पास

September 22, 2020

नई दिल्ली। विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच तीसरा किसान बिल भी राज्यसभा से पारित हो गया है। राज्यसभा ने अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, प्‍याज और आलू को आवश्‍यक वस्‍तुओं की सूची से हटाने के प्रावधान वाले विधेयक को मंजूरी दी। लोकसभा ने 15 सितंबर को आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी थी।

इस बिल में खाद्य पदार्थों जैसे अनाज, दालें और प्याज को नियंत्रण मुक्त करने का प्रावधान है। बिल में बताया गया है कि अनाज, दलहन, खाद्य तेल, आलू-प्याज आवश्यक वस्तु नहीं होंगे। उत्पादन, स्टोरेज, डिस्ट्रीब्यूशन पर सरकारी नियंत्रण खत्म होगा। फूड सप्लाई चेन के आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी। उपभोक्ताओं के लिए भी कीमतों में स्थिरता बनी रहेगी। सब्जियों की कीमतें दोगुनी होने पर स्टॉक लिमिट लागू होगी।

इससे पहले 20 सितंबर को कृषि से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयकों को राज्यसभा ने विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के बीच ध्वनिमत से अपनी मंजूरी दे दी थी। सरकार द्वारा इन दोनों विधेयकों को देश में कृषि क्षेत्र से जुड़े अबतक के सबसे बड़े सुधार की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम बताया जा रहा है।

कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक 2020- किसान मनचाही जगह पर फसल बेच सकते हैं। बिना किसी रुकावट दूसरे राज्यों में भी कारोबार कर सकते हैं। APMC के दायरे से बाहर भी खरीद-बिक्री संभव है। ऑनलाइन बिक्री इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग से होगी, जिससे मार्केटिंग लागत बचेगी और बेहतर दाम मिलेंगे। फसल की बिक्री पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।

मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा विधेयक 2020- राष्ट्रीय स्तर पर कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग की व्यवस्था बनेगी। रिस्क किसानों का नहीं, एग्रीमेंट करने वालों पर होगा। किसान कंपनियों को अपनी कीमत पर फसल बेचेंगे। किसानों की आय बढ़ेगी, बिचौलिया राज खत्म होगा। तय समय सीमा में विवाद निपटारे की व्यवस्था होगी।

विपक्षी दलों ने राज्यसभा की कार्यवाही का बहिकार
राज्यसभा में मंगलवार को कांग्रेस के नेतृत्व में कई विपक्षी दलों ने आठ सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए कार्यवाही का बहिष्कार किया। सबसे पहले कांग्रेस ने कार्यवाही का बहिष्कार किया। इसके बाद आप, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों के सदस्यों ने भी कार्यवाही का बहिष्कार किया। बाद में राकांपा, सपा और राजद के सदस्य भी सदन से बाहर चले गए।

सभापति एम वेंकैया नायडू ने विपक्षी दलों के सदस्यों से सदन की कार्यवाही के बहिष्कार के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने और चर्चा में भाग लेने की अपील की। नायडू ने सदन में कहा, “मैं सभी सदस्यों से अपील करता हूं कि वे बहिष्कार के अपने फैसले पर फिर से विचार करें और चर्चा में भाग लें।” संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सरकार निलंबित सांसदों को सदन से बाहर रखने को लेकर जिद पर नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर वे सदस्य खेद व्यक्त करते हैं तो सरकार इस पर गौर करेगी। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने कहा कि सदन की कार्यवाही चलाने के लिए सरकार और विपक्ष को एक साथ बैठ कर फैसला करना चाहिए।

Share:

  • अमिताभ की मां का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री आशालता का निधन

    Tue Sep 22 , 2020
    मुंबई। मराठी अभिनेत्री आशालता वाबगांवकर का सातारा के एक अस्पताल में मंगलवार सुबह निधन हो गया। वह कुछ दिन पहले ही बीमार हुई थीं। अस्पताल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। वह 79 साल की थीं। एक निजी अस्पताल में अभिनेत्री का 17 सितंबर से इलाज चल रहा था। अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved