श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में सेना के ताबड़तोड ऑपरेशन से बौखलाए आतंकियों ने अब राजनीतिक पार्टिय़ों के नेताओं-कार्यकर्ताओं को निशाना बनाना शुरु कर दिया है। दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम में कल रात आतंकियों ने बीजेपी के 3 नेताओं की हत्या कर दी. सेना आतंकियों की तलाश में है, लेकिन जो नेता मारे गए उनके घरों में मातम है।
इस पूरे मामले पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी का कहना है कि हमने 5 अगस्त के पहले 16 से 19 लोगों की लिस्ट बनाई थी और इन लोगों को अलग-अलग होटल में रखा गया था। इनमें फिदा हुसैन भी थे, लेकिन कुछ दिन पहले वह शपथ पत्र देकर घर चले आए थे। हम जांच करेंगे कि वह घर से इतनी दूर क्या करने आए थे, जहां उनकी हत्या हो गई।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी का कहना है कि यह प्री-प्लान अटैक लग रहा है। गाड़ी का पीछा किया गया और फिर आतंकियों की ओर से गोली मारी गई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान स्पॉन्सर टेरिज्म है। वहीं से लोगों को धमकी दी जाती है और लोगों की हत्या करने का प्लान रचा जाता है। इस मामले में लोकल के तीन आतंकियों पर शक है, जिसमें अब्बास शेख, निसार शामिल है।
इस बीच कुलगाम हमले में मारे गए भाजपा युवा मोर्चा के महासचिव फिदा हुसैन के पैतृक गांव में अंतिम यात्रा निकाली गई। कल कुलगाम के वाईकेपोरा में फिदा हुसैन और दो अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। नेताओं के परिजन गम और गुस्से में है।
जनाजे में स्थानीय लोगों की भीड़ उमड़ी है जो सबूत है कि ऐसे हमलों से कश्मीर डरने वाला नहीं। सरकार ने इसे कायराऩा हरकत ठहराते हुए कहा कि कातिल नहीं बचेंगे। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के ही एक संगठन द रेजिजटैंस फ्रंट (TRF) ने ली है।
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