
भोपाल। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 13 अप्रैल से होगी। खास बात यह है कि नवरात्रि इस बार पूरे नौ दिन रहेगी। 21 अप्रैल को रामनवमी मनाई जाएगी। 12 अप्रैल की सुबह 8।01 बजे एकम तिथि लगेगी, जो कि दूसरे दिन 13 अप्रैल को सुबह 10.17 बजे तक रहेगी। उदया तिथि में एकम तिथि होने से, नवरात्रि की शुरुआत 13 अप्रैल को होगी। नवरात्रि का पारण 22 अप्रैल को होगा।
13 अप्रैल को गुड़ी पड़वा पर हिंदू नववर्ष यानी नव संवत्सर 2078 शुरू होगा। गुड़ी पड़वा पर सूर्य देवता को अघ्र्य देकर नए साल का आगमन किया जाएगा। वहीं, महाराष्ट्रीयन परिवारों में घरों के ऊपर गुड़ी टांगकर पूजा की जाती है। नवरात्रि का त्योहार साल में चार बार मनाया जाता है। इसमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि मुख्य माने जाते हैं। वहीं माघ और आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है।
आचार्य पवन शुक्ला ने बताया कि इस बार चैत्र नवरात्रि मंगलवार को शुरू होगी, जिसकी वजह से मां घोड़े पर सवार होकर आएंगी। इससे पहले शारदीय नवरात्रि पर भी मां घोड़े पर सवार होकर आई थीं। देवी मां जब भी घोड़े पर आती हैं, तो युद्ध की आशंका बढ़ जाती है। नवरात्रि में मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाएगी।
प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना के साथ ही नवरात्रि पर्व की शुरुआत होगी। घट स्थापना करते हुए भगवान गणेश की वंदना के साथ माता शैल पुत्री की पूजा,आरती की जाती है। ज्योतिषी हरिओम शास्त्री का कहना है कि मान्यता है कि नवरात्रि पर देवी दुर्गा पृथ्वी पर आती हैं। यहां वे नौ दिनों तक वास करते हुए भक्तों की साधना से प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं। नवरात्रि पर देवी दुर्गा की साधना और पूजा-पाठ करने से आम दिनों के मुकाबले पूजा का कई गुना ज्यादा फल की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि भगवान राम ने भी लंका पर चढ़ाई करने से पहले रावण से युद्ध में विजय प्राप्ति के लिए देवी की साधना की थी।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved