
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है कि प्रदेश में प्रति वर्ष 31 अगस्त का दिन जनजातियों के विमुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाएगा। प्रदेश में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अद्र्धघुमक्कड़ वर्ग के कल्याण के लिए 2011 में पृथक विभाग का गठन किया गया था। इन जनजातियों के सम्पूर्ण कल्याण के लिए घुमंतु तथा अद्र्धघुमंतु मंत्रालय बनाया जाएगा।
जनजातियों का प्रदेश के सभी संसाधनों पर बराबर का अधिकार है। यह समुदाय विकास और उन्नति करे और प्रदेश की प्रगति में बराबर की भूमिका निभाए, इसके लिए राज्य सरकार कृत-संकल्पित है। इन जनजातियों के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक विकास के लिए सभी आवश्यक प्रयास किये जाएंगे। इस क्रम में इन जनजातियों के विद्यार्थियों के लिए श्रमोदय विद्यालय, ग्रामोदय विद्यालय और एकलव्य विद्यालयों में सीटें आरक्षित की जाएंगी। छात्रावासों में भी इन विद्यार्थियों के लिए स्थान आरक्षित होगा। विमुक्त, घुमक्कड़ तथा अर्धघुमक्कड़ जनजातियों की परम्परा, संस्कृति और जीवन मूल्यों को संरक्षित करने के लिए संग्रहालय स्थापित किया जाएगा।
जल्द होगी एक लाख शासकीय पदों पर भर्ती
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय सेवा में निकलने वाली सभी भर्तियों की परीक्षाओं के लिए इन जनजातियों के युवाओं को आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। प्रदेश में कुछ ही दिनों में लगभग एक लाख शासकीय पदों पर भर्ती की प्रक्रिया आरंभ होने वाली है।
बच्चों को किसी भी स्कूल में पढ़ा पाएंगे
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जनजातियों की भ्रमण करने की परिस्थिति और परंपरा को देखते हुए यह व्यवस्था की जा रही है कि एक शाला में प्रवेश के आधार पर बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था दूसरे स्थान के स्कूल में भी हो सकेगी। जो माता- पिता अपने बच्चों को साथ रखकर भ्रमण पर जाना चाहते हैं, उनके बच्चों को उन्हीं स्थानों के शासकीय विद्यालयों में प्रवेश मिल जाएगा। इन जनजातियों के जो प्रतिभाशाली बच्चे मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेंगे, उनकी फीस राज्य शासन द्वारा भरी जाएगी।
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