
- सरकार को जवाब पेश करने दो सप्ताह की मोहलत
जबलपुर। कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेश के करीब डेढ़ सौ पुलिस कर्मियों की मौत होने के बाद उनके आश्रितों को 50 लाख की सहायता राशि उपलब्ध न होने का आरोप लगाते हुए मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। चीफ जस्टिस मोह. रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष मंगलवार को हुई सुनवाई दौरान शासन की ओर से जवाब के लिये समय की राहत चाही गई, जिसे स्वीकार करते हुए न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की है।
यह जनहित याचिका एडवोकेट एहथेसाम हाशमी की ओर से दायर किया गया है। जिसमें कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर बहुत ही घातक थी। जिस पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए करीब डेढ़ सौ पुलिस कर्मियों की मौत हो गई। शासन ने पुलिस कर्मियों को फ्रंट लाईन वर्कस मानते हुए उनके आश्रितों को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिये जाने की बात कहीं थी, लेकिन उसका पालन नही किया गया, जिस पर हाईकोर्ट की शरण ली गई है। आरोप है कि सरकार ने ऐलान तो किया लेकिन किसी भी मृत कर्मी के परिजनों को उक्त राशि का भुगतान नहीं किया गया। मामले की प्रारंभिक सुनवाई पर न्यायालय ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये थे। आगे ही सुनवाई पर न्यायालय ने सरकार को दो सप्ताह की मोहलत देते हुए सुनवाई मुलतवीं कर दी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता गुनछा रसूल ने पक्ष रखा।