
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने शुक्रवार को गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संदेश में कहा है कि देशवासियों को गांधीजी के सत्य और अहिंसा के मंत्र (Gandhi’s mantra of truth and non-violence) का अनुसरण करते हुए राष्ट्र के कल्याण और प्रगति के लिए समर्पित होने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें एक सशक्त, समर्थ, स्वच्छ और समृद्ध भारत का निर्माण करके गांधीजी के सपनों को साकार होगा।
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राष्ट्रपति कोविंद ने महात्मा गांधी की 151वीं वर्षगांठ के अवसर पर कृतज्ञ राष्ट्र के तौर पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित की। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर को भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में गांधीजी को याद किया जाता है। वह संपूर्ण मानव जाति के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं। समाज के कमजोर व्यक्ति को शक्ति और संबल प्रदान करना उनकी अमर गाथा का हिस्सा है। सत्य, अहिंसा और प्रेम का उनका संदेश समाज में समरसता और सौहार्द लाकर विश्व के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने वाला है। उनके जीवन मूल्य सदैव प्रासंगिक रहेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि गांधी जी के सद्भावना और सहिष्णुता के मार्ग से हर बड़ी समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। उन्होंने हमें बुरा चाहने वालों से भी अच्छा व्यवहार करने और प्रेम, दया व क्षमा का भाव रखना सिखाया है। उन्होंने बताया कि विचारों, शब्दों और कर्मों में सामंजस्य होना चाहिए।
राष्ट्रपति ने प्रसन्नता व्यक्त की कि केन्द्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन, महिला सशक्तिकरण, गरीब और वंचित समूह को सक्षम बनाना, किसानों की सहायता और गांवों में आवश्यक सुविधाएं पहुंचाने की दिशा में किए गए प्रयासों में मूल रूप से गांधीजी के विचार और शिक्षाएं निहित हैं। (एजेंसी, हि.स.)
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