नई दिल्ली। वियाग्रा दवाई (Viagra medicine) जब से बाजार में आई है तब से इसे लेकर बहुत सारी चर्चाएं हो चुकी हैं. एक तरफ दवा के बारे में दावा किया जा रहा है इसने लाखों लोगों के यौन सुख (Sexual pleasure) को दोगुना किया है तो दूसरी ओर यह भी कहा जाता है कि वियाग्रा के कई सारे साइड इफेक्ट (Side effect) है। हालांकि वियाग्रा का इस्तेमाल पूरी दुनिया में धड़ल्ले से हो रहा है। इन सब के बीच एक रिसर्च में दावा किया जा रहा है कि यौन क्षमता बढ़ाने वाली दवाई वियाग्रा दुर्लभ तरह के कैंसर (Cancer) का इलाज करने में सक्षम है। फिलहाल वियाग्रा का इस्तेमाल यौन संबंधी दिक्कतों या इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile dysfunction) में किया जाता है।
उपलब्ध दवाओं में से कैंसर की दवा खोजना रिसर्च का मकसद
ईकैंसरमेडिकलसाइंस (ecancermedicalscience) जर्नल के हवाले से साइंसडेलीकी रिपोर्ट कहती है कि वियाग्रा में कैंसर को कम करने की क्षमता है. इसका परीक्षण किया जा रहा है. इस रिसर्च को एंटीकैंसर फंड बेल्जियम और अमेरिकी संस्था ग्लोबल क्योर के माध्यम से अंजाम दिया जा रहा है. हालांकि वियाग्रा के इस्तेमाल को लेकर कई देशों में राजनीतिक खींचतान भी चलता रहता है लेकिन इस अंतरराष्ट्रीय सहयोग के तहत इस रिसर्च के माध्यम से इस बात की संभावना तलाशी जा रही है कि वर्तमान में उपलब्ध दवाइयों से ही कैंसर का इलाज है या नहीं।
वियाग्रा में एंटीकैंसर क्षमता की पहचान
रिसर्च के मुताबिक शोधकर्ताओं ने वियाग्रा में मौजूद फॉस्फोडिस्टेरेज 5 (phosphodiesterase 5 -PDE5) में नई दवा बनने की क्षमता की पहचान की है. पीडीई5 में वियाग्रा बनाने वाली सभी दवाइयों में रहता है. एंटीकैंसर फंड के डॉ पेन (Dr Pan Pantziarka) ने बताया कि कई मायनों में सिल्डेनाफिल (वियाग्रा) में सफलता की कहानी छुपी है. उन्होंने कहा कि इस दवा को सबसे पहले एंजाइना (angina-गले में परेशानी) के लिए विकसित किया गया था।
इसके बाद इस दवा ने इरेक्टाइल डिसफंक्शन में करामाती असर दिखाई. फिर फेफड़े संबंधित बीमारी (pulmonary arterial hypertension) में इसका इस्तेमाल किया जाना लगा। अब इसमें कैंसर को खत्म करने की क्षमता की पहचान की गई है. भविष्य में यह दवा निश्चित रूप से कैंसर को खत्म करने में इस्तेमाल की जा सकेगी।
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