
भोपाल। कांग्रेस अब पूरी तरह चुनावी मोड में आएगी। इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ सोमवार को पूर्व मंत्रियों के साथ ही वरिष्ठ नेताओं के साथ मंथन करने वाले हैं। बैठक में कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे सदस्यों के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया, अरूण यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को आमंत्रित किया गया है। इस बैठक में अगले विधानसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा होगी। बैठक शाम 7 बजे शुरू होगी और रात्रिभोज के साथ समाप्त होगी। संभावना जताई जा रही है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद और नेता प्रतिपक्ष में से एक पद जल्द ही छोड़ सकते हैं। दिल्ली में इसको लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। ज्यादा संभावना नेता प्रतिपक्ष का पद छोडऩे को लेकर बन रही है। गौरतलब है की करीब 21 माह बाद मप्र में चुनावी बिगुल बजने वाला हैं। इसलिए कांग्रेस अभी से पूरी तरह चुनावी मैदान में सक्रिय होना चाहती है। इस पर चर्चा और रणनीति बनाने के लिए कमलनाथ ने यह बैठक बुलाई है। कांग्रेस चुनावी तैयारी में अब देर नहीं करना चाहती।
तय किया जाएगा मिशन 2023 का एजेंडा
पार्टी सूत्रों के अनुसार यह बैठक करीब 3-4 घंटे तक चल सकती है। इसकी वजह यह है कि इस बैठक में अगले साल नवंबर के महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मिशन 2023 का एजेंडा तय किया जाएगा। कमलनाथ एजेंडा तय करने के लिए सबसे सुझाव लेंगे उसके बाद एक फाइनल एजेंडा तैयार होगा, जिस पर पार्टी के नेता काम करेंगे।
प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे नाथ
पार्टी सूत्रों का कहना है की इस बैठक में कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद और नेता प्रतिपक्ष में से एक पद छोडऩे के मुद्दे पर भी चर्चा करेंगे। ज्यादा संभावना नेता प्रतिपक्ष का पद छोडऩे को लेकर बन रही है। इसके पीछे बड़ी वजह 2023 के विधानसभा चुनाव की रणनीति है। यह भी साफ है कि चूंकि डेढ़ साल का वक्त बचा है, ऐसे में कमलनाथ की सक्रियता और बढ़ेगी। लिहाजा जिम्मेदारी को बांटना जरूरी हो गया है। नाथ भी पहले यह कह चुके है कि पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष को उन्होंने नया नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के बारे में बता दिया है, अब फैसला उन्हें लेना है। फिलहाल नेता प्रतिपक्ष की दौड़ के प्रबल दावेदारों में वरिष्ठ विधायकों में बाला बच्चन, डॉ. गोविंद सिंह और विजयलक्ष्मी साधौ का नाम है। उधर, पार्टी 2023 के विधानसभा चुनाव के हिसाब से आदिवासी या पिछड़ा वर्ग में से नेता प्रतिपक्ष चुनने के मूड में है, इस लिहाज से युवा विधायकों में कमलेश्वर पटेल और जीतू पटवारी के नाम की चर्चा है।
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