
भोपाल। प्रदेश के किसी भी कोने में अगर कोई हैंडपंप खराब होगा, तो उसकी सूचना भोपाल स्थित पीएचई मुख्यालय पहुंच जाएगी। उसके बाद उसका तत्काल संधारण कराया जाएगा। इसके लिए प्रदेश के हैंडपंपों को जीयो टैग से जोडऩे की कवायद चल रही है। गौरतलब है कि प्रदेश में गर्मियां शुरू होते ही पेयजल की समस्या भी शुरू हो जाती है। समस्या शुरू होने के बाद पता चलता है कि हैंडपंप खराब हो गए हैं या उनका जल स्तर काफी नीचे चला गया है। अब इस समस्या से निजात के लिए प्रदेशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में लगे 5 लाख 65 हजार हैंडपंपों को जीयो टैग से जोड़ा जाएगा। इससे जब भी प्रदेशभर में कोई हैंडपंप खराब होगा तो उसकी जानकारी भोपाल मुख्यालय और विभागीय अधिकारियों को उनके मोबाइल पर भी दिखने लगेगी।
एक लाख 10 हजार हैंडपंप जुडऩा शेष
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश भर में स्थापित 5 लाख 65 हजार हैंडपंपों को जियो टैग से जोड़ा जा रहा है। इनमें एक लाख 10 हजार हैंडपंप जियो टैगिंग से जुडऩा शेष रह गए हैं।
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