नई दिल्ली। प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ(cardiologist) ने हार्ट अटैक से होने वाली मौतों को लेकर चेतावनी दी है। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ सीएन मंजूनाथ ने चेतावनी देते हुए कहा है कि 2030 तक भारत (India) हार्ट अटैक से होने वाली मौतों के मामले में दुनिया में नंबर एक पर होगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि युवा और मध्यम आयु वर्ग के लोगों में हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं, यह बेहद चिंताजनक है।
डॉ सीएन मंजूनाथ जयदेव इंस्टीट्यूट आफ कार्डियोवास्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च के निदेशक हैं। उन्होंने ये बातें ‘हेल्दी मेडिकॉन 2022’ विषय पर एचएएल के डाक्टरों के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि इस खतरे का मुकाबला करने के लिए तनाव का प्रबंधन करना, स्वस्थ जीवन शैली की आदतों को विकसित करना और एक समग्र एकीकृत दृष्टिकोण विकसित करने की जरूरत है।
इसको लेकर कंपनी ने एक विज्ञप्ति भी जारी की। जिसमें उसने कहा कि दो दिवसीय सम्मेलन में एचएएल डॉक्टरों को विचारों का आदान-प्रदान करने और गहन शोध से अवगत कराने में सक्षम बनाया गया। 21 और 22 मई को हुए इस सम्मेलन का उद्घाटन एचएएल के सीएमडी आर माधवन ने किया।
हार्ट अटैक या हृदयाघात कब हो सकता है?
जब शरीर की नसों में खून का प्रवाह सुचारू रूप से नहीं हो पाता और खून जमने (क्लॉटिंग) लगता है। इसके कारण रक्त हृदय तक नहीं पहुंच पाता और साथ ही हृदय को ऑक्सीजन मिलना भी बंद हो जाती है। इस स्थिति में हार्ट अटैक आता है। हार्ट अटैक की स्थिति व्यक्ति के लिए जानलेवा हो सकती है। लेकिन तुरंत उपचार मिलने से मरीज को बचाया जा सकता है।
वायु प्रदूषण भी है एक कारण
भारत में वायु प्रदूषण(air pollution) एक बहुत गंभीर समस्या है। देश के कई शहरों की वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल सर्कुलेशन में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि वायु प्रदूषण की चपेट में आकर एक घंटे के भीतर इंसान को दिल का दौरा पड़ सकता है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया हा कि हवा में मौजूद प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह सड़कों पर चल रहे वाहन, बिजली के उपकरण और निर्माण स्थलों से उठ रही धूल है। रिसर्च के मुताबिक, वायु प्रदूषण की वजह से दुनियाभर में 42 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।