नई दिल्ली । सीबीआई की गिरफ्तारी के बाद (After CBI Arrest) दिल्ली के उपमुख्यमंत्री (Delhi Deputy Chief Minister) मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) और स्वास्थ मंत्री (Health Minister) सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) दोनों ने इस्तीफा दे दिया (Resigned) । मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दोनों का इस्तीफा मंजूर कर लिया। सत्येंद्र जैन बीते 8 महीनो से जेल के अंदर है।
इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ मनीष सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा ने सिसोदिया का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि उनके मुवक्किल के पास दिल्ली हाई कोर्ट जाने का रास्ता खुला है। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि वह शीर्ष अदालत से जो राहत मांग रहे हैं, उसके लिए या तो निचली अदालत या हाई कोर्ट का रुख करें। दिल्ली के डिप्टी सीएम सिसोदिया को सीबीआई ने शराब घोटाले में गिरफ्तार किया है। सिसोदिया ने गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
पीठ ने यह भी बताया कि यह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम से जुड़ा मामला है और वह सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकते । पीठ ने कहा, इससे गलत मिसाल कायम होगी, सिर्फ इसलिए कि ये घटना दिल्ली में हुई है, हम इसे यहां सीधे नहीं ले सकते। कोर्ट ने आगे बताया कि सिसोदिया एफआईआर को चुनौती दे रहे हैं, रिमांड को चुनौती दे रहे हैं, जमानत की मांग कर रहे हैं, सब संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत। पीठ ने सिंघवी से कहा, धारा 482 सीआरपीसी के तहत आपके पास हाई कोर्ट जाने का रास्ता खुला है।
सिंघवी ने अर्नब गोस्वामी और विनोद दुआ के केस का हवाला देते हुए कहा कि असाधारण परिस्थितियों में जमानत के लिए अनुच्छेद 32 के तहत याचिका लगाई जा सकती है। चीफ जस्टिस ने जवाब दिया कि गोस्वामी का मामला हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट में आया था, और दुआ के मामले में, एफआईआर एक आलोचनात्मक रिपोर्ट के लिए एक पत्रकार के खिलाफ दर्ज की गई थी।
सिंघवी ने आगे तर्क दिया कि दिल्ली हाई कोर्ट के रोस्टर जज ज्यादा बैठकें नहीं कर रहे हैं, वो पीएफआई मामले में यूएपीए ट्रिब्यूनल के रूप में काम कर रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के सामने रखा जा सकता है। सिंघवी ने तर्क दिया कि वे सिसोदिया को कैसे गिरफ्तार कर सकते हैं, जब वो हर समय बुलाए जाने पर पेश हुए हैं, और भागने का खतरा कहां है? हालांकि, शीर्ष अदालत ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।
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