
70 टन रोजाना इंदौर में खपत होती थी, अब 20 टन का भी उठाव नहीं
इन्दौर। डेढ़ महीने से टमाटर (Tomato) के दामों ने जो तेजी पकड़ी है, वह कम होने का नाम ही नहीं ले रही। महंगाई से परेशान आम उपभोक्ता (Customer) ने अब टमाटर से अपना मोह कम कर दिया है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इंदौर मंडी (Indore Mandi) में सात गाड़ी रोजाना टमाटर की खपत होती थी, अब 2 गाड़ी टमाटर का भी उठाव नहीं है।
लगातार बारिश टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचाया है, जिसके कारण फसल की पैदावर भी प्रभावित हो रही है। इंदौर की मंडी में महाराष्ट्र के नारायणगांव को नासिक के पास से टमाटर की आवक अभी बनी हुई है। रविवार को मात्र दो गाड़ी टमाटर इंदौर पहुंचा। बेस्ट क्वालिटी का टमाटर 105 से 110 रुपए किलो और सेकंड क्वालिटी का 80 से 95 रुपए किलो आज के थोक में भाव रहे। व्यापारियों का कहना है कि महंगे दामों के कारण ग्राहकी अब रुकी हुई है। उपभोक्ता भी अब टमाटर की पूछ परख नहीं कर रहा। उधर महाराष्ट्र के नारायणगांव में बड़े शहरों में नेफेड के द्वारा बेचे जा रहे टमाटर की खरीदी भी सीधे अधिकारी वहीं से कर रहे हैं। इसलिए उत्पादक क्षेत्रों में भी टमाटर महंगा हो गया है। व्यापारियों का कहना है कि 100 से 120 रुपए किलो की खरीदी महाराष्ट्र से हो रही है। इसके बाद इंदौर आने का भाड़ा और महंगा पड़ रहा है। लगातार बारिश ने फसल के उत्पादन को भी प्रभावित किया है।
नई फसल 15 से 20 दिन
टमाटर की नई फसल महाराष्ट्र के पीपल गांव, लाखन गांव एवं लोकल में निमाड़ क्षेत्र से होती हैं, यहां फसल को आने में दो सप्ताह से ज्यादा का समय लग सकता है बारिश अगर लगातार जारी रही तो फसल खराब होने का डर अब किसानों को सता रहा है। मौसम साफ रहता है तो 15 से 20 दिनों में नई फसल की आवक शुरू हो जाएंगी और टमाटर के दाम कम होने के आसार बनेंगे
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