
नई दिल्ली । वंदे भारत ट्रेनें(Vande Bharat Trains) देश में यात्रा को तेज और सुविधाजनक(convenient) बना रही हैं। 2019 में शुरू होने के बाद से इनकी लोकप्रियता(Popularity) बढ़ती गई है। इस समय देशभर में लगभग 140 वंदे भारत ट्रेनें फर्राटा भर रही हैं। हालांकि, चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में बनी ट्रेनों की रफ्तार को लेकर सवाल उठे हैं। राज्यसभा सांसद डॉ. फौजिया खान ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस पर जवाब मांगा। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार को पता है कि वंदे भारत ट्रेनों की औसत रफ्तार 2020-21 में 84.48 किमी प्रति घंटा थी, जो 2023-24 में घटकर 76.25 किमी प्रति घंटा हो गई है।
केंद्रीय रेल मंत्री ने लिखित जवाब में बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को 180 किमी प्रति घंटा की अधिकतम गति के लिए डिजाइन किया गया है, लेकिन ये 160 किमी प्रति घंटा की अधिकतम गति पर चलती हैं। उन्होंने कहा कि ट्रेन की औसत गति कई कारणों पर निर्भर करती है। इनमें ट्रैक की बनावट, रास्ते में रुकने वाले स्टेशन और रखरखाव शामिल हैं। इस वजह से औसत गति में कमी देखी गई है।
सुधार लाने के प्रयास जारी
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में भारतीय रेलवे ने ट्रैक को अपग्रेड करने और गति बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है। इसमें चौड़े आधार वाले कंक्रीट स्लीपर, मोटे वेब स्विच, लंबे रेल पैनल, एच-बीम स्लीपर और आधुनिक ट्रैक मशीनों का उपयोग शामिल है। इन प्रयासों से ट्रैकों की गति क्षमता में काफी सुधार हुआ है। ट्रेनों की गति को बढ़ाने के लिए काम लगातार जारी है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इसमें और अधिक सफलता मिलेगी।
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