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गुजरात तक पहुंची दिल्ली की CM रेखा गुप्ता पर हमले की जांच, राजकोट से राजेश का दोस्त गिरफ्तार…

August 22, 2025

नई दिल्ली। दिल्ली (Delhi) की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Chief Minister Rekha Gupta) पर हुए हमले की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है। ये जांच गुजरात (Gujarat) के राजकोट (Rajkot) तक पहुंच चुकी है। दिल्ली पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले में नया मोड़ लाते हुए आरोपी राजेश खीमजी के एक दोस्त को राजकोट से हिरासत में लिया है। सूत्रों की मानें तो इस दोस्त ने राजेश को पैसे ट्रांसफर किए थे, जिसने जांच को और गहरा कर दिया है। इसके अलावा पुलिस ने राजेश के फोन से 10 ऐसे लोगों की पहचान की है, जो उसके साथ कॉल और चैट के जरिए संपर्क में थे। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह एक सुनियोजित साजिश थी।


राजकोट से दिल्ली तक पुलिस की जांच
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार देर रात राजकोट में छापेमारी कर राजेश के एक करीबी दोस्त को हिरासत में लिया। यह शख्स, जो एक ऑटो ड्राइवर बताया जा रहा है, कथित तौर पर राजेश को पैसे भेजता था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस दोस्त को आज शाम तक दिल्ली लाया जाएगा, जहां उससे गहन पूछताछ होगी। क्या यह पैसा हमले की साजिश का हिस्सा था? पुलिस इस सवाल का जवाब ढूंढने में जुटी है।

10 संदिग्धों पर नजर, फोन डेटा खोलेगा राज
पुलिस ने राजेश के मोबाइल फोन से बरामद डेटा के आधार पर 10 लोगों को चिह्नित किया है, जो उसके साथ नियमित संपर्क में थे। इनमें से कुछ कॉल और चैट के जरिए राजेश से जुड़े थे। दिल्ली पुलिस अब इन सभी की भूमिका की जांच कर रही है। पुलिस ने इनमें से पांच लोगों के बयान दर्ज करने के लिए राजकोट में एक विशेष टीम भेजी है। मोबाइल डेटा की फॉरेंसिक जांच भी शुरू हो चुकी है, जो इस मामले में और बड़े खुलासे कर सकती है।

ऑटो ड्राइवर ने क्यों दिए पैसे?
हिरासत में लिए गए राजेश के दोस्त, जो एक ऑटो ड्राइवर है, ने कथित तौर पर राजेश को पैसे ट्रांसफर किए थे। दिल्ली पुलिस इस मनी ट्रेल को गहराई से खंगाल रही है। सवाल उठता है कि यह पैसा किस उद्देश्य से भेजा गया? क्या यह हमले की योजना का हिस्सा था? पुलिस इस दोस्त और अन्य संदिग्धों से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या राजेश अकेले था, या उसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क काम कर रहा था।

राजेश की कहानी: सच या झूठ?
आरोपी राजेश खीमजी, जो राजकोट का रहने वाला है, ने पुलिस को बताया कि वह दिल्ली में तीन लाख आवारा कुत्तों की जान बचाने के लिए मुख्यमंत्री से मिलना चाहता था। उसने सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश का हवाला दिया, जिसमें दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को शेल्टर में ले जाने का निर्देश दिया गया था। लेकिन पुलिस उसकी इस कहानी पर भरोसा करने के मूड में नहीं है। राजेश के दोस्तों और रिश्तेदारों से पूछताछ कर पुलिस उसकी बातों की सत्यता जांच रही है।

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