
डेस्क: भारत (India) में दिवाली (Diwali) से पहले ही जमकर ऑनलाइन खरीदारी (Online Shopping) हो रही है, लेकिन त्योहारों के सीजन में भारत में साइबर अपराधों (Cyber Crimes) का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. साइबर सुरक्षा कंपनियों का कहना है कि इस दौरान फ्रॉड (Fraud) मामलों में करीब 40% की वृद्धि हुई है और इनमें से 15% हमले पूरी तरह से व्यवहार-आधारित हैं. अब ठग AI टूल्स की मदद से ऐसे मैसेज और लिंक बना रहे हैं, जो बेहद पर्सनल और भरोसेमंद लगते हैं.
Quick Heal Technologies की रिपोर्ट के अनुसार, अब ठगी केवल डिवाइस तक सीमित नहीं है, बल्कि सीधे व्यक्ति पर फोकस करती है. AI और मशीन लर्निंग टूल्स के जरिए फ्रॉडस्टर्स आपके सर्च पैटर्न, शॉपिंग ट्रेंड्स और ऑनलाइन व्यवहार का एनालिसिस करके स्कैम मैसेज तैयार करते हैं. यही कारण है कि कई पीड़ित असली और नकली मैसेज में फर्क नहीं कर पाते.
McAfee के सर्वे के मुताबिक, दशहरा और दिवाली जैसे त्योहारों के दौरान 95% भारतीय खरीदारी करते हैं. इसी समय साइबर अपराधी नकली ईमेल, SMS और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए फर्जी डील्स और ऑफर्स फैलाते हैं. कई मामलों में तो AI-जनरेटेड सेलिब्रिटी विज्ञापनों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. त्योहारों के महीनों में इन स्कैम में 40% की बढ़ोतरी देखी गई है.
सिर्फ शॉपिंग ही नहीं, बल्कि त्योहारों पर भेजे जाने वाले ई-ग्रीटिंग कार्ड भी साइबर हमलों का हिस्सा बन चुके हैं. Quick Heal के अनुसार इन कार्ड्स में छिपे ट्रोजन मोबाइल ऐप्स को हैक कर सकते हैं और फिर पीड़ित के नाम से उसके कॉन्टैक्ट्स को मैसेज भेजकर पैसे मांग सकते हैं. ऐसे मामलों में अक्सर लोग छोटी रकम भेज देते हैं, जिससे अपराधियों का जाल और फैलता है.
Kaspersky और Akamai जैसी साइबर सुरक्षा कंपनियां मानती हैं कि AI-जनरेटेड फ्रॉड्स को पहचानना बेहद मुश्किल है. पारंपरिक पैटर्न-आधारित सुरक्षा सिस्टम इन स्कैम्स के खिलाफ कारगर नहीं हैं, क्योंकि हर बार ठगी का नया तरीका सामने आ रहा है. एक्सपर्ट का कहना है कि लोगों को अब ज्यादा सतर्क रहना होगा, क्योंकि पैसे वापस पाना लगभग नामुमकिन हो जाता है.
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