img-fluid

पहली बार सिर्फ 7 दिन के लिए सीएम बने थे नीतीश कुमार, जानिए ‘सुशासन बाबू’ कब-कब बने मुख्यमंत्री

November 20, 2025

नई दिल्ली. पिछले दो दशकों में बिहार (Bihar) की राजनीति (Politics) में सबसे मुख्य चेहरा नीतीश कुमार (Nitish Kumar) एक बार फिर से मुख्यमंत्री (Chief Minister) पद की शपथ ली . विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने राज्य के शीर्ष पद के लिए नीतीश को चुना है.

मंगलवार को एनडीए विधायकों की बैठक के बाद यह फ़ैसला लिया गया. बिहार की 243 सीटों में से 202 सीटें जीतने वाले इस गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी के 89 और जनता दल (यूनाइटेड) के 85 विधायक शामिल हैं.


इसके अलावा, इसमें चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के 19, हिंदुस्तान आवामी मोर्चा (सेक्युलर) के पांच और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के चार विधायक शामिल हैं.

जब पहली बार CM बने नीतीश…
बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में यह नीतीश का दसवां कार्यकाल होगा. उन्होंने पहली बार 2000 में शपथ ली थी. उस वक्त, वे समता पार्टी का हिस्सा थे. उनका कार्यकाल केवल सात दिनों तक चला था क्योंकि सरकार सत्ता में बने रहने के लिए पर्याप्त चुनावी संख्याबल नहीं जुटा पाई थी.

साल 2005 में, नीतीश अपनी पार्टी, जद(यू) का बीजेपी के साथ गठबंधन करके पूर्ण बहुमत हासिल करके सत्ता में आए. 2010 में गठबंधन ने और भी मज़बूत जनादेश के साथ सत्ता बरकरार रखी, जिससे नीतीश बिहार सरकार के टॉप पर बने रहे.

बीजेपी से टूटा नाता…
साल 2013 में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद, नीतीश ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया, लेकिन प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के बाहरी समर्थन से सत्ता में बने रहे. 2014 के लोकसभा चुनाव में, उनकी पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ा और हार गई. इस हार की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए, उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया और अपने तत्कालीन पार्टी सहयोगी जीतन राम मांझी को सत्ता की बागडोर सौंप दी.

मांझी का मुख्यमंत्री कार्यकाल करीब एक साल तक चला, क्योंकि 2015 के चुनावों से पहले नीतीश फिर से मुख्यमंत्री बने थे और उन्होंने आरजेडी और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाया था. गठबंधन ने चुनाव जीता और नीतीश ने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

बीजेपी को फिर लगाया गले
साल 2017 में नीतीश ने महागठबंधन से नाता तोड़ लिया और अपनी सरकार भंग कर दी. इसके तुरंत बाद, उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. 2020 में एनडीए को साधारण बहुमत मिला. हालांकि जेडी(यू) की सीटें घटकर 43 रह गईं और बीजेपी की सीटें बढ़कर 74 हो गईं, फिर भी चुनावों के बाद गठबंधन ने नीतीश को ही मुख्यमंत्री बनाए रखने का फैसला किया.

2022 में नीतीश ने फिर से सरकार भंग कर दी और बीजेपी से नाता तोड़कर आरजेडी और कांग्रेस के साथ फिर से गठबंधन कर लिया. इसके तुरंत बाद, उन्होंने अपने पूर्व प्रतिद्वंद्वियों के समर्थन से फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. यह सरकार मुश्किल से 17 महीने चली, क्योंकि नीतीश ने फिर से महागठबंधन से नाता तोड़ लिया और 2024 की शुरुआत में बीजेपी के साथ फिर से गठबंधन कर लिया. इसके बाद उन्होंने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

74 वर्षीय नीतीश कुमार को 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आलोचकों ने एक कमज़ोर ताक़त करार दिया था. उनके पूर्व सहयोगी और अब उनके प्रतिद्वंद्वी प्रशांत किशोर ने जेडी(यू) को 25 से कम सीटों पर सिमटने का अनुमान लगाया था. हालांकि, चुनाव विश्लेषकों को हैरानी हुई, जब नीतीश की पार्टी ने 2020 में जीती गई 43 सीटों की तुलना में करीब दोगुनी यानी 85 सीटें हासिल कीं.

Share:

  • नई रोमांचक पहल, पर्यावरण और जंगलों की पाठशाला बनेगा उमरीखेड़ा का ईको एडवेंचर पार्क

    Thu Nov 20 , 2025
    डिस्ट्रिक्ट एनवॉयरमेंट एंड फॉरेस्ट एज्युकेशनल हब की शुरुआत अब इंदौर से एमपी के इतिहास में पहली बार इंदौर जंगल बना एज्युकेशन हब इंदौर, प्रदीप मिश्रा । वनमण्डल (Forest Division) इंदौर(Indore)  एक नई और अनूठी पहल करने जा रहा है। इस नई शुरुआत के अंतर्गत, एडवेंचर ईको पार्क (Adventure Eco Park) को वन विभाग स्कूल (Forest […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved