
नई दिल्ली। हॉलमार्किंग (Hallmarking) शुरू होने के तीन महीनों के भीतर चांदी (Silver) के 17.35 लाख से अधिक गहने विशिष्ट पहचान संख्या एचयूआईडी (Unique Identification Number (HUID)) के साथ जारी किए जा चुके हैं। वहीं, सरकार ने जीएसटी रिटर्न प्रणाली (GST return system) में बड़ा बदलाव करने की तैयारी की है। इसके तहत अगले वित्तीय वर्ष से जीएसटीआर-3बी रिटर्न पूरी तरह अपने-आप (ऑटोमैटिक) भरा जाएगा
हालांकि चांदी की हॉलमार्किंग योजना एक सितंबर, 2025 से स्वैच्छिक बनी हुई है, लेकिन हॉलमार्क वाले किसी भी चांदी सामग्री के लिए विशिष्ट पहचान एचयूआईडी की मार्किंग ज़रूरी कर दी गई है। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ”चांदी के गहनों में एचयूआईडी हॉलमार्किंग शुद्धता आश्वासन को मज़बूत करने और नकली हॉलमार्किंग के चलन को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने एक सितंबर, 2025 से सभी हॉलमार्क वाली चांदी के आभूषण और सामग्रियों के लिए एचयूआईडी ज़रूरी कर दिया है। यह उपभोक्ता संरक्षण और नकली हॉलमार्किंग को रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
जीएसटी रिटर्न भरने की प्रक्रिया स्वचालित होगी
सरकार ने जीएसटी रिटर्न प्रणाली में बड़ा बदलाव करने की तैयारी की है। इसके तहत अगले वित्तीय वर्ष से जीएसटीआर-3बी रिटर्न पूरी तरह अपने-आप (ऑटोमैटिक) भरा जाएगा और करदाता इसमें मैन्युअल बदलाव नहीं कर पाएंगे। यह कदम जीएसटी धोखाधड़ी रोकने और रिटर्न प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए उठाया गया है।
नए नियमों के तहत इस रिटर्न में बिक्री से जुड़ी जानकारी उसी फॉर्म से ली जाएगी, जिसमें कारोबारी पहले से अपना डाटा भरते हैं। यानी जीएसटीआर-1 के तहत दर्ज बिक्री का आंकड़ा ही जीएसटीआर-3बी रिटर्न में दिखेगा। रिटर्न में बिक्री, टैक्स या इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) जैसी जानकारियां जैसी होंगी, वैसी ही फॉर्म में लॉक होकर आएंगी।
इसमें किसी तरह के बदलाव की अनुमति नहीं होगी। इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा भी जीएसटीआर-3बी के जरिए नहीं कर सकेंगे। कारोबारी का आईटीसी दावा सीधे जीएसटीआर-2बी से स्वत: खाते में आएगा। इससे फर्जी बिल और गलत तरीके से कर छूट लेने के मामलों पर रोक लगेगी।
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