छिंदवाड़ा । जिले में शुक्रवार की रात एक दर्दनाक हादसा (Accident) हुआ। अमरवाड़ा-चौरई मार्ग (Amarwara-Chaurai Road) पर दो बाइकें आपस में टकरा गईं। इस हादसे में पांच युवकों (Youths) की जान चली गई और एक युवक घायल हो गया। मृतकों में दो युवक एक ही परिवार के थे। यह दुर्घटना चौरसिया पेट्रोल पंप (Chaurasia Petrol Pump) के पास हुई। तेज रफ्तार बाइकों की टक्कर इतनी जोरदार थी कि मौके पर ही दो युवकों की मौत हो गई। अस्पताल ले जाते समय तीन और युवकों ने दम तोड़ दिया। हादसे के बाद इलाके में शोक की लहर है और लोग अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
यह हादसा रात करीब 11 बजे हुआ। दो तेज रफ्तार बाइकें आपस में टकरा गईं। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक सवार दूर जा गिरे। कुछ ही मिनटों में सड़क खून से लथपथ हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस के अनुसार हादसा बहुत भयानक था।
तीन तीन लोग थे दोनों बाइकों पर
एक बाइक पर सुखराम यादव (21), आयुष यादव (19) और शहजाद खान (19) सवार थे। वे अमरवाड़ा से छुई की ओर एक बारात में जा रहे थे। दूसरी बाइक पर विक्रम उईके (18) और अविनाश उईके (18) थे। वे लिंगपानी से अमरवाड़ा शादी समारोह में शामिल होने आ रहे थे। दोनों बाइकों पर तीन-तीन युवक सवार थे, जो कि नियमों के खिलाफ है।
इनकी गई जान
टक्कर के बाद सुखराम और आयुष की मौके पर ही मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने बाकी तीन युवकों को अमरवाड़ा अस्पताल पहुंचाया। लेकिन शहजाद, विक्रम और अविनाश ने भी अस्पताल में दम तोड़ दिया। एक और युवक घायल है, जिसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
परिजन के अस्पताल पर गंभीर आरोप
हादसे की खबर मिलते ही मृतकों के परिजन अमरवाड़ा अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। परिजनों का कहना था कि समय पर डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे। इलाज में लापरवाही की वजह से घायल युवकों को बचाया नहीं जा सका। गुस्से में आए लोगों ने अस्पताल परिसर में हंगामा किया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारे भी लगाए। अस्पताल में हंगामा देखकर प्रशासन हरकत में आया। एसडीएम हेमकरण धुर्वे, एसडीओपी रविंद्र मिश्रा, तहसीलदार राजेश मरावी और टीआई राजेंद्र धुर्वे मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों को समझाया और कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इसके बाद लोग शांत हुए।
इलाके में शौक की लहर
एक ही रात में पांच युवाओं की मौत से अमरवाड़ा और लिंगपानी क्षेत्र में शोक की लहर है। मृतकों के घरों में मातम छाया हुआ है। गांवों में शोक सभाएं आयोजित की गईं। स्थानीय नेताओं ने पीड़ित परिवारों से मिलकर दुख जताया।
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