कोरोना संक्रमण के चलते इस बार नए साल पर पार्टी और हुड़दंग करने वालों पर सरकार ने सख्ती बरतने की पूरी तैयारी कर ली है। लेकिन मंदिर और पर्यटन स्थल पूरी तरह से तैयार है। नए साल के स्वागत के लिए राजधानी के बिरला मंदिर, भोजपुर मंदिर और कालीघाट मंदिर पहुंचने वाले लोगों के लिए पूरी व्यवस्था कर ली गई है। वहीं बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में भी नए साल पर बड़ी संख्या में भक्त राजाधिराज महाकाल के दर्शन करने पहुंचेंगे। इस वर्ष 35 हजार से अधिक भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करेंगे, वहीं ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में भी दर्शन की विशेष व्यवस्था रहेगी। इसके अलावा इंदौर के खजराना गणेश मंदिर में 31 दिसंबर और एक जनवरी को वन-वे दर्शन व्यवस्था रहेगी। प्रवेश काली मंदिर की तरफ से होगा जबकि निकासी गणेशपुरी मार्ग से रहेगी। मंदिर में 31 दिसंबर की रात 12 बजे महाआरती होगी। शहर के रणजीत हनुमान मंदिर में एक जनवरी को नए साल पर मंदिर परिसर में स्थित सभी देवी देवताओं को नूतन वस्त्र पहनाए जाएंगे। दर्शन व्यवस्था सुचारू रखने के लिए बेरिकेट्स लगाए गए हैं इसके अलावा अतिरिक्त गार्डों की नियुक्ति की जाएगी।
पर्यटन नगरी में भी बढ़ी चहल पहल
प्रदेश की पर्यटन नगरियों में भी चहल पहल बढ़ गई है। नए साल का स्वागत करने के लिए लोग पहले से ही पचमड़ी, मांडू, खजुराहो और हनुमंतिया जैसे पर्यटन स्थलों पर पहुंच गए है। यहां लोगों की अच्छी खासी भीड़ जमा हो गई है। धार जिले की पर्यटन नगरी मांडू में विशेष तैयारियों में कैंप फायर और साउंड डीजे का आयोजन की व्यवस्था की गई है। पचमड़ी में भी पर्यटकोंं का जमावड़ा लग गया है। खंडवा जिले में हनुवंतिया में बड़े स्तर पर कोई कार्यक्रम नहीं है। 31 दिसंबर की रात टेंट सिटी में म्यूजिक नाइट व डिनर पार्टी इन हाउस पर्यटकों के लिए है,जबकि कला का केंद्र कहे जाने वाले खजुराहो में भी सभी पर्यटन स्थल नए साल के स्वागत में सजधज कर तैयार हो गए हैं। लंबे समय से आस लगाए व्यापारियों को उम्मीद है कि नए साल में उनकी अच्छी कमाई हो सकती है। यहां के सभी होटल पहले से ही बुक हो चुके हैं। खजुराहो की कला देखने देश-विदेश के पर्यटक पहुंच चुके हैं। एजेंसी