इंदौर न्यूज़ (Indore News)

3200 एकड़ के इकोनॉमी कॉरिडोर में एयरपोर्ट के पास एयरोसिटी की भी प्लानिंग

  • 75 मीटर चौड़े और 19.75 किलोमीटर लम्बे कॉरिडोर में होटल, आईटी, फिंटैक सिटी, डाटा सेंटर, फिल्म और मीडिया पार्क के साथ व्यवसायिक और आवासीय बिल्डिंगें भी, सांसद ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

इंदौर, राजेश ज्वेल। 75 मीटर चौड़ाई के 19.75 किलोमीटर लम्बे इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमी कॉरिडोर पर कई तरह की व्यवसायिक गतिविधियां लाई जाएंगी। सांसद शंकर लालवानी ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को पत्र लिखकर इंदौर एयरपोर्ट के पास कॉरिडोर पर एयरोसिटी की प्लानिंग करवाने को भी कहा है। दरअसल दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों में इस तरह की एयरो सिटी काफी सफल भी है। चूंकि इकोनॉमी कॉरिडोर एयरपोर्ट के पास से ही गुजर रहा है, लिहाजा यहां पर एयरो सिटी के होने से व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि पहले से एयरोसिटी की प्लानिंग इस कॉरिडोर में प्रस्तावित भी है। होटल, आईटी, फिंटैक सिटी, डाटा सेंटर, फिल्म और मीडिया के साथ अन्य गतिविधियां रहेंगी।

एमपीआईडीसी द्वारा यह कॉरिडोर निर्मित किया जाएगा। इसके साथ ही पीथमपुर सेक्टर-7 को भी अमल में लाया जा रहा है। इस कॉरिडोर के निर्माण से पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र की एयरपोर्ट से सीधी और आसान कनेक्टीविटी हो जाएगी और दो हाईवे इंदौर-अहमदाबाद तथा आगरा-मुंबई भी राऊ-पीथमपुर रोड के जरिए इससे सीधे जुड़ जाएंगे। लगभग 1300 हेक्टेयर यानी 3200 एकड़ जमीन इस कॉरिडोर में शामिल रहेगी। इसका एक सिरा इंदौर के नैनोद, तो दूसरा सिरा सोनवाय और टीही तथा धन्नड़ ड्रायपोर्ट से भी जुड़ेगा। मध्यप्रदेश शासन की औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग ने इस इकोनॉमी कॉरिडोर को मंजूरी दी है, जिसमें विभिन्न गतिविधियां रहेंगी। इंदौर ही नहीं, बल्कि प्रदेश की पहली गिफ्ट सिटी, एयरो सिटी, आईटी हब, फिंटैक सिटी, फाइनेंस व सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रीक्ट, ग्रीन इंडस्ट्रीयल पार्क के साथ-साथ अन्य व्यवसायिक और आवासीय क्षेत्र भी विकसित किया जाएगा।


योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रस्तावित मुख्य मार्ग यानी कॉरिडोर के दोनों तरफ 300-300 मीटर तक यह योजना प्रस्तावि की गई है, जिसमें प्रचलित टू लेन मार्ग का जो उन्नयन होगा उसकी लम्बाई 6 किलोमीटर, ग्रीन फील्ड रोड की लम्बई 8.30 किलोमीटर और अभी वर्तमान में जो राऊ-पीथमपुर रोड है उसका 5.45 किलोमीटर का हिस्सा भी इस 19.75 किलोमीटर के कॉरिडोर में शामिल रहेगा। अभी पिछले दिनों ही इकोनॉमी कॉरिडोर के साथ-साथ पीथमपुर सेक्टर-7 के दोनों चरणों को एमपीआईडीसी ने एक साथ विकसित करने का भी निर्णय लिया, जिसका खुलासा अग्निबाण ने किया था। एक हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि इसके विकास कार्यों पर खर्च की जाएगी। एमपीआईडीसी के एमडी मनीष सिंह ने अभी भोपाल में हुई बैठक में स्मार्ट इंडस्ट्रीयल टाउनशिप को मंजूरी भी दी, जिसमें लगभग साढ़े 4 हजार एकड़ का नेट प्लानिंग एरिया शामिल किया गया है। इंदौर के क्षेत्रीय अधिकारी प्रतुल्ल सिन्हा के मुताबिक इसमें 500 एकड़ जमीनें कुछ उद्योगों के साथ फुट वीयर क्लस्टर के लिए भी सुरक्षित गई है, तो कुछ बड़ी कम्पनियों को जमीनों का आबंटन भी कर दिया है।

10 फीसदी नकद, तो 90 फीसदी के बदले विकसित भूखंड
इकोनॉमी कॉरिडोर में लगभग एक हजार हेक्टेयर से अधिक जमीनें निजी स्वामित्व की है, तो लगभग 300 हेक्टेयर सरकारी है। निजी जमीनों के लिए मुआवजे की राशि का 10 प्रतिशत हिस्सा नकद दिया जाएगा, तो शेष 90 प्रतिशत मुआवजा राशि के बदले विकसित भूखंडों के रूप में उसका प्रतिफल जमीन मालिकों को मिलेगा। किसानों की सहमति से ही जमीनें अधिग्रहित करेंगे।

17 गांवों की जमीन शामिल – अभी अवैध निर्माणों पर कार्रवाई भी
इकोनॉमी कॉरिडोर में इंदौर निवेश क्षेत्र के 9 तथा पीथमपुर निवेश क्षेत्र के 8, इस तरह कुल 17 गांवों की जमीनें शामिल की गई है। अभी पिछले दिनों ही इन गांवों में धड़ल्ले से शुरू हुए अवैध कालोनाइजेशन के मामले में भी एमपीआईडीसी ने कार्रवाई शुरू की। नोटिस थमाने के साथ जेसीबी की सहायता से कुछ अवैध निर्माण जमींदोज भी किए गए और उसके साथ ही 24 अप्रैल तक चल रहे निर्माण कार्यों से संबंधित स्वीकृतियों और मंजूर अभिन्यास तथा कॉलोनी सेल के प्राप्त विकास अनुमति, कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र की छायाप्रतियां भी मांगी गई है। नोटरी और डायरियों पर भी कई भूखंड यहां काटी अवैध कॉलोनियों में बेचे जा रहे हैं।

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