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खुदरा महंगाई के बाद जुलाई में थोक मुद्रास्फीति दर में भी आई गिरावट, 11.16 फीसदी रहा WPI

नई दिल्ली। भारत सरकार ने थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (WPI) के आंकड़े जारी कर दिए हैं। जून के 12.07 फीसदी के मुकाबले जुलाई में मुद्रास्फीति 11.16 फीसदी रही। मई में यह 12.94 फीसदी थी। इसमें गिरावट आई है। हालांकि, डब्ल्यूपीआई जुलाई में लगातार चौथे महीने दोहरे अंकों में रही। जून 2020 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति ऋणात्मक 1.81 फीसदी थी।

जुलाई में खाद्य WPI 4.5 फीसदी पर आ गई है। महीने दर महीने आधार पर जुलाई में फ्यूल एंड पावर डब्ल्यूपीआई 32.83 फीसदी से घटकर 26 फीसदी पर रही। वहीं मैन्युफैक्चर्ड डब्ल्यूपीआई 10.9 फीसदी से बढ़कर 11.2 फीसदी पर आ गई है। दालों की थोक महंगाई जून के 11.5 फीसदी से कम होकर 8.3 फीसदी पर आ गई।

खुदरा मुद्रास्फीति में भी आई गिरावट
इससे पहले सरकार ने खुदरा मुद्रास्फीति के भी आंकड़े जारी किए। यह 5.59 फीसदी रही, जो जून के मुकाबले 0.67 फीसदी कम है। जून 2021 में यह 6.26 और जुलाई 2020 में 6.73 फीसदी थी। जून में औद्योगिक उत्पादन मई में 29.3 फीसदी की तुलना में गिरकर 13.6 फीसदी हो गया। इसके साथ ही खुदरा मुद्रास्फीति की दर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की लक्ष्य सीमा के भीतर आ गई है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार यह कमी खाद्य कीमतों में गिरावट और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान कम करने के चलते आई है। सरकार ने आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति दो फीसदी मार्जिन के साथ चार फीसदी पर रखने का निर्देश दिया है। जुलाई 2021 में खाने की थाली भी सस्ती हुई। उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक जुलाई में 3.96 फीसदी पर रहा। बता दें कि जून में यह दर 5.15 फीसदी थी। बता दें कि बीते दिनों हुए एक सर्वे में अर्थशास्त्रियों ने जुलाई खुदरा मुद्रास्फीति के 5.78 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। जून में खनन उत्पादन में 23.1 व बिजली उत्पादन में 8.3 फीसदी वृद्धि हुई।

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