- पार्क से लगी जमीनों के दाम घटे
भोपाल। श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में चीतों को बसाया जाएगा, इस खबर ने एक साल पहले कूनो पार्क के आसपास की जमीन की कीमतों में जबरदस्त उछाल ला दिया था। कीमतें दस गुना तक बढ़ गई थी। लोगों को लग रहा था कि पर्यटन और रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में तीन वयस्क चीतों और तीन शावकों की मौत और उसके बाद चीतों को किसी अन्य जगह बसाने की खबरों से हालात बदल गए हैं। जमीनों के दाम घटने लगे हैं। जो पुराने कमिटमेंट और एग्रीमेंट थे, वह भी खटाई में पड़ गए हैं।
कूनो नेशनल पार्क की श्योपुर जिला मुख्यालय से दूरी करीब 70 किलोमीटर है। इसके आसपास की जमीन की कीमत एक लाख रुपये बीघा हुआ करती थी। प्रोजेक्ट चीता की शुरुआत से पहले यह कीमत बढ़कर 10 लाख रुपये प्रति बीघा तक पहुंच गई थी। जब पिछले साल सितंबर में नामीबिया से और फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से चीतों को लाया गया तो जमीनों के दाम 20 से 25 लाख रुपये प्रति बीघा तक पहुंच गए थे। अब इनमें गिरावट दिख रही है।
रियासत के कुंवर बनवा रहे हैं रिजॉर्ट
कूनो गांव के पास मोरावन में रियासत के कुंवर ऋषिराज सिंह पुरखों की जमीन पर रिजॉर्ट बना रहे हैं। ऋषिराज सिंह का कहना है कि चीतों की मौत के बाद लोगों की रुचि कम हुई है। नए खरीदार भी इलाके में नजर नहीं आए हैं। पुराने सौदे भी रद्द हो रहे हैं। मेरा निवेश फायदे के लिए कम है और भावनात्मक तौर पर जुड़ा है। हमारे रिजॉर्ट का काम तेजी से चल रहा है। Share: