नई दिल्ली। आरबीआई (RBI) की ओर से रेपो दर में कटौती (Repo rate cut) के बाद वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) अप्रैल से शुरू होने अगले वित्त वर्ष 2025-26 में छोटी बचत योजनाओं (Small savings schemes) पर मिलने वाले ब्याज दरों को घटा (Decrease interest rates) सकता है। छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में पिछले एक साल से कोई बदलाव नहीं हुआ है। सार्वजनिक भविष्य निधि, सुकन्या समृद्धि योजना, मासिक आय खाता योजना, पब्लिक प्रोविडेंट फंड, किसान विकास पत्र, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र, डाकघर बचत योजना, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना आदि छोटी बचत योजनाओं में शामिल हैं।
सूत्रों का कहना है कि छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा (Review of interest rates.) अगले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में होने की संभावना है। 31 दिसंबर, 2024 को घोषित पिछली समीक्षा में वित्त मंत्रालय ने जनवरी-मार्च, 2025 तिमाही के लिए इन योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं किया था। वर्तमान में पब्लिक प्रोविडेंट फंड में निवेश पर 8.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। सुकन्या समृदि्ध योजना के निवेशकों को 8.2 फीसदी रिटर्न मिलता है। किसान विकास पत्र पर 7.5 फीसदी और डाकघर बचत योजना पर चार फीसदी ब्याज मिलता है।
अप्रैल से बेरोजगारी के मासिक आंकड़े जारी करेगी सरकार
सरकार अप्रैल से बेरोजगारी के मासिक आंकड़े जारी करेगी। अब तक सिर्फ शहरी क्षेत्रों के लिए तिमाही बेरोजगारी आंकड़े और शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लिए संयुक्त वार्षिक आंकड़े जारी होते थे। हालांकि, एक निजी कंपनी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी हर माह बेरोजगारी के आंकड़े जारी करती है।
सांख्यिकी मंत्रालय के सचिव सौरभ गर्ग ने कहा, हम जनवरी से आंकड़े जुटा रहे हैं। उन्हें अप्रैल से जारी करेंगे। इस कदम से स्थानीय स्तर पर भी नीति बनाने में मदद मिलेगी।
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