भोपाल: मध्य प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था (Education System) को सुधारने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. मुरैना में फर्जी कॉलेज मिलने के बाद सरकार ने प्रदेश के सभी प्राइवेट कॉलेजों की जांच का फैसला किया है.उच्च शिक्षा विभाग (Department of Higher Education) प्रदेश में संचालित प्राइवेट कॉलेजों का फिजिकल वेरिफिकेशन करेगा साथ ही सभी जिलों से सात दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है, जिसमें कॉलेजों की मूलभूत सुविधाएं, भवन, स्टाफ और अन्य जरूरी जानकारी शामिल होगी.
दरअसल, मुरैना जिले के झुंडपुरा में फर्जी कॉलेज के खुलासे के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश भर के सभी प्राइवेट कॉलेजों का फिजिकल वेरिफिकेशन कराने का फैसला किया है. उच्च शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि सरकारी कॉलेजों के प्राचार्य सात दिन के भीतर रिपोर्ट पेश करें. यह रिपोर्ट राज्य सरकार को एनओसी जारी करने में मदद करेगी. कॉलेजों के निरीक्षण के लिए हर जिले में सरकारी कॉलेजों के दो शिक्षकों की एक निरीक्षण समिति बनेगी, जो सभी बिंदुओं पर रिपोर्ट देगी.
उच्च शिक्षा विभाग के आदेश में कहा गया है कि राज्य के सभी जिलों को अपने जिले में मौजूदा और प्रस्तावित नए प्राइवेट कॉलेजों का फिजिकल वेरिफिकेशन कर उनकी स्थिति की रिपोर्ट देनी है. इसके लिए हर जिले में सरकारी कॉलेजों के 2 नियमित शिक्षकों की कमेटी बनाकर निरीक्षण किया जाएगा.
समिति को भूमि का विवरण (एकड़ में), खसरा नंबर और भूमि डायवर्सन की जानकारी देनी होगी. इसके अलावा कॉलेज परिसर में स्थित भवनों की संख्या, उनका क्षेत्रफल और कुल निर्मित क्षेत्रफल का विवरण भी देना अनिवार्य होगा. साथ ही जांच के दौरान प्राचार्य कक्ष, लेक्चर हॉल, कार्यालय, स्टाफ रूम, लाइब्रेरी, एनसीसी, एनएसएस कक्ष, छात्राओं के लिए कॉमन रूम, प्रयोगशालाएं, कंप्यूटर कक्ष, खेल का मैदान और पार्किंग क्षेत्र की स्थिति के बारे में भी जानकारी देनी होगी.
गौरतलब है कि पिछले महीने मुरैना के झुंडपुरा में एक फर्जी कॉलेज का खुलासा हुआ था. ईओडब्ल्यू की जांच के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने जनवरी 2025 में इस कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी थी.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved