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एशिया में 1967 के बाद सबसे कम रहेगी विकास दर: विश्‍व बैंक

विश्‍व बैंक ने कहा, 0.9 फीसदी के करीब रेहगी जीडीपी ग्रोथ रेट

नई दिल्‍ली। कोविड-19 की महामारी के कारण एशिया में 1967 के बाद सबसे कम विकास दर रह सकती है। विश्‍व बैंक के अनुमान के अनुसार सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) 0.9 फीसदी रह सकती है। ये जानकारी विश्‍व बैंक ने अपने ताजा आर्थिक अपडेट में दी है।

विश्‍व बैंक ने जारी एक बयान में कहा कि कोरोना वायरस की महामारी के कारण पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र के साथ-साथ चीन की अर्थव्यवस्था में भी पिछले 50 से ज्यादा सालों के दौरान सबसे धीमी वृद्धि रहने की उम्मीद है। विश्व बैंक ने कहा कि साल 2020 में इस क्षेत्र के केवल 0.9 फीसदी तक बढ़ोतरी की उम्मीद है। यह विकास दर 1967 के बाद से सबसे कम है।

आर्थिक अपडेट के अनुसार पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र के बाकी हिस्सों में जीडीपी की वृद्धि दर में 3.5 फीसदी गिरावट रह सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 और इसके प्रसार को रोकने के प्रयासों से आर्थिक गतिविधि में एक अहम सुधार हुआ। इन देशों को महामारी से आर्थिक और वित्तीय प्रभाव से निकलने के लिए रेवेन्यू जुटाने के लिए वित्तीय सुधार को आगे बढ़ाना होगा।

उल्‍लेखनीय है कि भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट में पहली तिमाही में भारी गिरावट हुई है। केंद्र सरकार के सांख्यिकी मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही (अप्रैल- जून) के बीच विकास दर में 23.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। ऐसा अनुमान लगाया गया था कि कोरोना वायरस की महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से देश की जीडीपी की दर पहली तिमाही में 18 फीसदी तक गिर सकती है। (एजेंसी, हि.स.)

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