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Assam-Mizoram सीमा विवादः गंभीर रूप से घायल एक और पुलिस कर्मी ने दम तोड़ा

गुवाहाटी। असम-मिजोरम सीमा विवाद (Assam-Mizoram border dispute) के दौरान मिजोरम की ओर से चलायी गयी गोली में घायल एक और असम पुलिस कर्मी (Another injured Assam Police personnel) की मंगलवार को इलाज के दौरान दम तोड़ा दिया। हिंसक झड़प में असम के कुल छह पुलिसकर्मियों की मौत हुई है।

असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए दुख हो रहा है कि असम पुलिस की 6वीं बटालियन के श्यामप्रसाद दुसात की सिलचर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (एसएमसीएच) में पेट में गोली लगने से मौत हो गई। उनकी बिगड़ती स्थिति के कारण उनका ऑपरेशन नहीं किया जा सका। गंभीर स्थिति के कारण पुलिस कर्मी को इलाज के लिए गुवाहाटी नहीं ले जाया सका। मुख्यमंत्री ने कहा, मैं वीर जवान को नमन करता हूं और परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।


असम-मिजोरम सीमा विवाद
असम-मिजोरम सीमा विवाद को लेकर दोनों राज्यों में भारी तनाव व्याप्त है। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ट्विटर के जरिए लगातार एक-दूसरे राज्यों की पुलिस और प्रशासन को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने असम-मिजोरम के सीमावर्ती लैलापुर में सोमवार को हुई हिंसा में मिजोरम द्वारा किये गये हमले में मारे गये पांच पुलिस कर्मियों को कछार जिला पुलिस अधीक्षक मुख्यालय में अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने सिलचर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भर्ती पुलिस कर्मियों से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाते हुए राज्य सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

सिलचर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में ही मुख्यमंत्री ने बैठकर सीमा के ताजा हालात का जायजा लिया। बैठक में असम के पुलिस महानिदेशक, डीआईजी, आईजीपी, जिलाधिकारी, असम सरकार के मंत्री अशोक सिंघल, परिमल शुक्लबैद्य, पीयूष हजारिका के साथ ही अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

बैठक के दौरान सिलचर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के प्रमुख को पुलिसकर्मियों की बेहतर इलाज करने का निर्देश दिया। साथ ही सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

उल्लेखनीय है कि गोली लगने से गंभीर रूप से घायल कछार जिला पुलिस अधिकारी वैभव चंद्रकांत निंबालकर को मंगलवार को कछार से बेहतर इलाज के लिए मुंबई रवाना किया। वहीं गंभीर रूप से घायल सात पुलिस कर्मियों को उन्नत चिकित्सा के लिए गुवाहाटी मेडिकल कालेज अस्पताल (जीएमसीएच) में रेफर किया गया। साथ ही, जीएमसीएच के सात वरिष्ठ चिकित्सकों की एक टीम सिलचर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में इलाज में अपना सहयोग करने के लिए सिलचर पहुंची है।

बैठक के बाद मुख्यमंत्री डॉ बिस्व सरमा ने मीडिया को संबोधित करते हुए इस घटना के लिए सीधे तौर पर मिजोरम को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही, कहा कि हमले के दौरान मिजोरम की ओर से लाइट मशीन गन (एलएमजी) का इस्तेमाल किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम असम की एक इंच भूमि को भी नहीं छोड़ने वाले। अपनी भूमि और सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले सभी नागरिकों की हर प्रकार से सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि असम-मिजोरम सीमा पर हुई गोलीबारी में अपनी जान गंवाने वाले असम पुलिस के पांच जवानों के परिवारों को राज्य सरकार 50-50 लाख रुपये का मुआवजा देगी। साथ ही मृत पुलिस कर्मियों के परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान की जाएगी।

उन्होंने कहा कि जिस इलाके में हिंसा हुई है, वह आरक्षित वन क्षेत्र है। सैटेलाइट इमेजिंग की मदद से इसको देखा जा सकता है कि अतिक्रमण कैसे हुआ है। असम सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि जब कल असम-मिजोरम सीमा पर गोलीबारी हो रही थी तो मैंने मिजोरम के मुख्यमंत्री को छह बार फोन किया। उन्होंने ‘सॉरी’ कहते हुए मुझे आइजोल में बातचीत के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। यह दो राज्यों के बीच सीमा विवाद है। उन्होंने कहा कि यह लंबे समय से चला आ रहा सीमा विवाद है। उस समय भी विवाद था जब दोनों तरफ कांग्रेस की सरकार थी। यह दो राज्यों के बीच का विवाद है, दो राजनीतिक दलों के बीच का मुद्दा नहीं है। घटना असम की सीमा पर हुई। हमारी पुलिस मामले की जांच करेगी। इसकी जांच की जाएगी कि नागरिकों को हथियार कहां से मिले।

असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो जारी करते हुए लिखा है कि यह बेहद दुखद और भयावह है। हाथों में मिजोरम पुलिस और स्थानीय उपद्रवी तत्व स्वचालित हथियार लहराते हुए जश्न मनाते देखे जा रहे हैं।

सीमा विवाद को लेकर कछार जिला के धोलाई थाना क्षेत्र में मंगलवार की सुबह से स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी और तनाव देखा जा रहा है। भारी संख्या में लोग सड़क पर उतर कर मिजोरम के विरुद्ध जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। साथ ही सड़क पर टायर जलाकर मिजोरम की ओर आने और जाने वाले वाहनों को पूरी तरह से रोक दिया है, जिसकी वजह से ट्रक तथा अन्य वाहनों की लंबी कतार लग गयी हैं।

उन्होंने कहा है कि हम किसी भी कीमत पर असम की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए अपने रुख पर कायम हैं। साथ ही हम असम के सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। घायलों को एक लाख का भुगतान करेंगे और एक महीने का अतिरिक्त तनख्वाह भी दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम 4,000 कमांडो को मिजोरम सीमा पर तैनात करेंगे।

असम सरकार करीमगंज, कछार और हैलाकांदी के लिए तीन कमांडो बटालियन बनाएगी, जिसमें 3000 कर्मियों की भर्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम अपने बहादुर जवानों की मौत से बहुत दुखी हैं। घायल पुलिस अधिकारियों से मिलने के लिए एसएमसीएच गए और डॉक्टरों को उनका सर्वोत्तम इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। गंभीर रूप से घायल कर्मियों को उच्च स्तरीय उपचार के लिए एयर एंबुलेंस से प्राथमिकता के आधार पर बाहर भेजने को कहा है।

मिली खबरों के अनुसार मिजोरम के गृह मंत्री, नागरिक एवं आपूर्ति मंत्री, शिक्षा मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्री तथा विधायक वैरांगटी के फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में असम-मिजोरम सीमा विवाद की ताजा स्थिति पर चर्चा की। साथ ही इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए आवश्यक कदम उठाने को लेकर रणनीति बनाई जा रही है। (एजेंसी, हि.स.)

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