मध्‍यप्रदेश राजनीति

विधानसभा चुनाव : कमजोर और हारी हुईं सीटों पर दिग्विजय का रहेगा फोकस!

भोपाल (Bhopal)। मध्‍यप्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव (MP Assembly Elections) होने वाले हैं। इसको लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां (political parties) अपनी तैयारियां करने में जुट चुकी हैं। जिसमें प्रमुख रूप से कांग्रेस है। यही कारण है कि सत्ता में कांग्रेस की वापसी के लिए पीसीसी चीफ कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह (Kamal Nath Digvijay Singh) को खास जिम्मेदारी सौंपी है। कमलनाथ के निर्देश पर दिग्विजय 66 ऐसी सीटों पर दौरे कर रहे हैं, जहां लंबे समय से बीजेपी का कब्जा है। पूर्व सीएम लगातार इन विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं की बैठकें कर रहे हैं। कांग्रेस मान कर चल रही है कि हारी हुईं सीटों में से ज्‍यादातर कांग्रेस जीत जाएगी।

बता दें कि पीसीसी चीफ कमलनाथ का पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर भरोसा बरकरार है। दिग्गी एक बार फिर कमजोर विधानसभाओं में पहुंचेंगे। 10 मई से दिग्विजय सिंह 31 विधानसभाओं के दौरे पर निकलेंगे। वह बाकी बची 31 विधानसभा सीटों पर पहुंचकर संगठन की बैठक करेंगे। दिग्विजय सिंह का यह दौरा 10 मई से शुरू होकर 2 जून तक चलेगा वो अपने दौरे की शुरुआत विंध्य के रीवा से करेंगे।



दिग्विजय सिंह अब तक 19 जिलों की 35 विधानसभा सीटों पर संगठन की बैठकें कर चुके हैं1 दिग्विजय सिंह कांग्रेस के लिए 66 कमजोर विधानसभा सीटों पर पहुंचकर मंडलम सेक्टर में सभा कर संगठन में जान फूंकने की कोशिश कर रहे हैं।

इन जिलों में दिग्विजय सिंह का फोकास

1. भोपाल – बैरसिया, गोविंदपुरा
2. सीहोर- बुधनी, सीहोर, आष्टा
3. हरदा – टिमरनी
4. सतना- रामपुर बघेलान
5. रीवा – रीवा, मनगवां, त्योंथर
6. दतिया- दतिया
7. शिवपुरी- शिवपुरी
8. गुना- गुना, बमोरी
9. ग्वालियर- ग्वालियर
10. विदिशा- शमशाबाद, कुरवाई
11. सागर- बीना, खुरई, सुरखी, सागर, नरयावली, रहली
12. दमोह -हटा, पथरिया
13. शाजापुर- शुजालपुर
14. आगर मालवा- सुसनेर
15. उज्जैन- उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण
16. धार- बदनावर
17. रतलाम- रतलाम
18. मंदसौर-सुवासरा, मंदसौर
19. नीमच – नीमच, जावद

विदित हो कि दिग्विजय सिंह कई बार भले ही कांग्रेस को अपने बयानों से मुश्किलों में डाल देते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी आज भी मध्य प्रदेश की राजनीति में और खासकर कांग्रेस में दिग्विजय सिंह की प्रासंगिकता है। 2018 के विधानसभा चुनाव में अगर कांग्रेस की सरकार आई तो उसमें दिग्विजय सिंह की भी बड़ी भूमिका थी। दिग्विजय सिंह ने उस समय कई किलोमीटर की नर्मदा यात्रा की थी। आज भी हर जिले में दिग्विजय सिंह के कार्यकर्ता हैं। इसलिए संगठन दिग्विजय सिंह पर इतना भरोसा करता है।

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