नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को बताया कि एक लॉकर रूम को लेकर उनकी अपने दोस्त से लड़ाई हो गई थी। इस लड़ाई के दौरान उनके दोस्त ने उनपर नस्लीय टिप्पणी कर दी थी। इस टिप्पणी को सुनकर ओबामा को इतना गुस्सा आया था कि उन्होंने स्कूली छात्र की नाक तोड़ दी थी।
बराक ओबामा ने ब्रूस स्प्रिंगस्टीन के साथ पॉडकास्ट साक्षात्कार के दौरान इस घटना को साझा किया है। ओबामा ने यह भी बताया कि इस लड़ाई से पहले दोनों दोस्त थे और मिलकर बॉस्केटबॉल खेला करते थे।
इस इंटरव्यू के दौरान ओबामा ने कहा कि सुनिए जब मैं स्कूल में था, उस समय मेरा एक मित्र था। हम साथ- साथ बास्केट बॉल खेलते थे। एक बार हमारे बीच लड़ाई हो गई तो उसने नस्ली टिप्पणी की। ओबामा ने कहा कि कायदे से देखा जाए तो मेरे मित्र को भी उस शब्द का मतलब नहीं पता था, लेकिन वह बस इतना जानता था कि इस शब्द के जरिए वह मुझे आहत कर सकता है।
बराक ओबामा ने अमेरिका में नस्लीय भेदभाव के खिलाफ राष्ट्रपति रहते हुए और इससे पहले भी मुखर रूप से लड़ाई लड़ी है। 2015 में एक साक्षात्कार के दौरान, बराक ओबामा ने कहा था कि अमेरिका अभी पूरी तरह से नस्लवाद से उबर नहीं पाया है। दक्षिण कैरोलीन के एक चर्च में घातक शूटिंग के तुरंत बाद की ओबामा ने ये टिप्पणियां की थी। ओबामा ने कहा था कि अमेरिका में अब भी उनके लिए N-शब्द (नीग्रो) का उपयोग किया जाता है।
ओबामा ने कहा कि 200-300 साल पहले से जिस बुराई की गिरफ्त में समाज है, उसे वह एक रात में पूरी तरह से नहीं मिटा सकता है। उन्होंने साथ ही कहा कि यह बगैर शालीनता के किसी को पब्लिक में निगर (नीग्रो) कहने का एक मामला भर नहीं है। इससे यह पता नहीं चलता कि अमेरिकी समाज में नस्लभेद आज भी मौजूद है या नहीं। न ही यह प्रत्यक्ष भेदभाव का कोई मामला भर है।
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