भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

10 माह का रोडमैप तैयार कर मैदानी मोर्चा संभालेगी भाजपा

  • अब भाजपा का फोकस आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों पर
  • दिल्ली में पार्टी पदाधिकारी मप्र सहित 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव पर करेंगे मंथन।

भोपाल। हिमाचल प्रदेश और गुजरात के बाद भाजपा का फोकस अब 2023 में देश के 9 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव पर है। इसके लिए पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी है। इसी कड़ी में भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की दो दिवसीय बैठक 5-6 दिसंबर को राजधानी दिल्ली में आयोजित की गई है। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में मप्र सहित 9 राज्यों में होने वाले विधानसभा का रोडमैप तैयार किया जाएगा। बैठक में मप्र के लिए 10 महीने का रोडमैप तैयार किया जाएगा, जिसके आधार पर पार्टी के नेता और पदाधिकारी मैदानी मोर्चा संभालेंगे। गौरतलब है कि अगले साल मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन राज्यों में पार्टियों की जीत हार से आगामी 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर जनता के मूड का पता चलेगा। हालांकि विधानसभा चुनावों के नतीजों से लोकसभा चुनाव पर असर पड़े ये कोई जरुरी नहीं है। लेकिन भाजपा हर चुनाव को मिशन के रूप में लेती है। इसलिए पार्टी ने आगामी चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी है। पार्टी का सबसे अधिक फोकस मप्र पर है। इसलिए दिल्ली में होने वाली बैठक में मप्र पर सबसे अधिक मंथन और चिंतन किया जाएगा।

दो दिन तक चलेगा मंथन
5-6 दिसंबर को दिल्ली में होने वाली भाजपा की बैठक में विधानसभा चुनाव के लिए अगले 10 महीने के लिए कामकाजी रोडमैप सौंपा जाएगा। बैठक को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संबोधित करेंगे। बैठक के पहले दिन गुजरात में दूसरे चरण के मतदान भी है, उसे देखते हुए मोदी के भाषण पर सबकी नजरें रहेंगी। इस बैठक में सभी राज्य अपनी उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड भी पेश करेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की इस बैठक में सभी राज्य इकाइयों के लिए जयपुर और हैदराबाद बैठक में सौंपे गए कार्यक्रमों की समीक्षा होगी। साथ ही अगले तीन महीने के लिए कार्यक्रमों का एजेंडा भी सौंपा जाएगा। अगले साल नवंबर में चुनाव वाले राज्य मप्र, राजस्थान और छग के लिए पार्टी की आगामी रणनीति पर भी विचार विमर्श किया जाएगा। पिछले विधानसभा चुनाव 2018 के नतीजे भाजपा के प्रतिकूल रहे थे जिससे तीनों राज्यों में उसके हाथ से सरकार फिसल गई थी। यही वजह है कि भाजपा बूथ स्तर पर तैयारियों और 51 फीसदी वोट शेयर जुटाने की कवायद की तैयारी कर रही है।



मप्र की रिपोर्ट पेश करेंगे पदाधिकारी
गुजरात चुनाव के बाद भाजपा हाईकमान का सारा फोकस मप्र सहित अन्य चुनावी राज्यों पर रहेगा। मप्र में एंटी इनकम्बेंसी दूर करने के लिए भी पार्टी कई निर्णय करेगी। बैठक में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, अजय जामवाल,राष्ट्रीय संगठक वी. सतीश सहित नड्डा की टीम के सभी पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव सहित मप्र में मौजूद सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी भी बैठक में बुलाए गए हैं। बताया जाता है कि इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारी मप्र की फीडबैक रिपोर्ट सौंपेंगे। गौरतलब है कि प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी का वास्तविक हाल मालूम करने के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने राष्ट्रीय संगठक वी. सतीश को मप्र के विशेष दौरे पर भेजा था। वे चार दिन रहकर संगठन सहित अन्य क्षेत्र में काम करने वाले नेताओं से मिले और चुनावी फीडबैक लिया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक सतीश के पास मप्र से संबंधित कोई प्रभार नहीं है। इसी कारण पार्टी ने उन्हें निष्पक्ष रिपोर्ट पाने के हिसाब से मप्र भेजा था। चार दिनों में उन्होंने भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक की और अलग-अलग बातचीत भी की। इसे संयोग ही माना जाए कि एक तरफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश में थी और दूसरी तरफ भाजपा संगठन के केंद्रीय नेतृत्व ने पार्टी के राष्ट्रीय संगठक वी सतीश को मध्य प्रदेश के विशेष दौरे पर भेजा था। वे मप्र में चार दिन रहे और कई नेताओं के साथ मुलाकात की। सतीश अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रभारी भी हैं इसलिए उन्होंने अजा मोर्चा की बैठक कर चुनावी तैयारियों का जायजा लिया। पार्टी के अन्य मोर्चा-प्रकोष्ठ सहित प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठकें की तो उन्होंने 2023 के विधानसभा चुनाव से संबंधित सवालों के जवाब मांगे। चुनाव में आने वाली दिक्कतों के बारे में पूछताछ की। 2018 में पार्टी क्यों चुनाव हारी थी, इस सवाल का जवाब भी मांगा। सतीश ने भोपाल प्रवास के दौरान सामूहिक स्तर पर विचार विमर्श किया और व्यक्गित स्तर पर भी। उन्होंने सरकार के कामकाज के बारे में भी फीडबैक लिया।

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