लंदन। अंटार्कटिका (Antarctica) में ब्रिटिश रिसर्च स्टेशन (British Research Station) के पास एक विशाल हिमखंड (ice floe) टूटने की जानकारी मिल रही है। इसका आकार 1270 वर्ग किमी का हिमखंड टूटना बताया जा रहा है। यह कितना बड़ा है, इसका अंदाजा ऐसे लगाएं कि देश के दो सबसे बड़े शहरी क्षेत्रों दक्षिण व उत्तर दिल्ली नगर निगम के लगभग बराबर है या न्यूयॉर्क सिटी बराबर है।
ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेक्षण ने बताया है कि बर्फ के इस टुकड़े का क्षेत्रफल 1,270 वर्ग किलोमीटर है। बताया जा रहा है कि यह घटना 26 फरवरी को हुई थी, लेकिन, इससे ब्रिटिश रिसर्च सेंटर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है क्योंकि आर्कटिक की सर्दियों के कारण इस स्टेशन को बंद किया गया है।
घटना के बाद से ब्रिटिश एजेंसियां पूरे इलाके का हवाई सर्वेक्षण कर हालात का जायजा ले रही हैं। इतने बड़े आकार के हिमखंड के टूटने से तहलका मचा हुआ है। कुछ विशेषज्ञ इसे ग्लोबल वॉर्मिंग से जोड़कर देख रहे हैं। उनका कहना है कि इंसानों की इस शीत मरुस्थल में बढ़ती आवाजाही से यहां का वातावरण गर्म हो रहा है, जबकि समुद्र का बढ़ता तापमान भी इन हिमखंडों को धीरे-धीरे पिघला (melting) रहा है।
वैज्ञानिकों ने दावा किया कि 150 मीटर मोटी ब्रंट आइस शेल्फ कैल्विंग प्रक्रिया के कारण टूटी है। इस टुकड़े में पहले भी दरार (crack) देखा जा चुका था। जिसके बाद वैज्ञानिकों ने कहा था कि आने वाले दिनों में यह टुकड़ा अलग हो सकता है। बताया जा रहा है कि यह घटना आर्कटिक में ब्रिटेन के हैली रिसर्च स्टेशन से सिर्फ 20 किलोमीटर की दूरी पर हुआ है।
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