बड़ी खबर

20 महीने बाद भी नहीं बने CAA के नियम, गृह मंत्रालय ने मांगा छह और महीने का वक्त

नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के नियम अभी तक तैयार नहीं हो पाए हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को संसद में इसकी जानकारी दी है, साथ ही नियमों को गढ़ने के लिए अतिरिक्त 6 महीने का वक्त मांगा गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक सवाल के जवाब में 9 जनवरी, 2022 तक का वक्त मांगा है ताकि नागरिकता संशोधन एक्ट के तहत नियमों को तैयार किया जा सके.

लोकसभा में कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने सवाल पूछा था कि क्या केंद्र सरकार ने CAA के नियमों को नोटिफाई करने की कोई अंतिम तारीख तय की है. अगर हां तो वो क्या हैं, अगर नहीं तो अभी तक क्यों नहीं की गई हैं. इसी के जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा है कि CAA को 12.12.2019 को नोटिफाई किया गया था, 2020 में ये कानून का रूप ले चुका है. लेकिन लोकसभा और राज्यसभा की कमेटियों से इस कानून के तहत नियम तैयार करने के लिए जनवरी, 2022 तक का वक्त मांगा गया है.

कोरोना के कारण नियम बनाने में देरी
आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा साल 2019 में नागरिकता संशोधन एक्ट को पेश किया गया था. इस कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आने वाले हिन्दू, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध और ईसाई समुदाय के लोगों को भारत में नागरिकता दी जा सकेगी. केंद्र सरकार के इस कानून का देश के अलग-अलग हिस्सों में जमकर विरोध हुआ था, साथ ही विपक्ष भी इस कानून के खिलाफ था.

हालांकि, बिल के कानून का रूप लेने के बाद ही देश में कोरोना वायरस की एंट्री हो गई थी, ऐसे में सरकार ने कानून बनाने के लिए लंबा वक्त मांगा था. लोकसभा में ही सरकार द्वारा एक और जवाब दिया गया है. जिसमें बताया गया है कि साल 2020 में दिल्ली पुलिस ने UAPA के तहत कुल 9 केस दर्ज किए हैं, जबकि कुल 34 लोगों को गिरफ्तार किया है.

Share:

Next Post

एक ही शख्स से करती थीं मां-बेटी प्यार, परिचित ने जासूसी की तो तीनों ने मिलकर ले ली उसकी जान

Tue Jul 27 , 2021
कानपुर: पूरी दुनिया में इस समय जासूसी को लेकर हड़कंप मचा है लेकिन कानपुर में एक युवक को जासूसी करने में ही अपनी जान गंवानी पड़ गई. ये युवक अपने परिचित के कहने पर मोहल्ले की मां-बेटी के प्रेम संबंधों की जासूसी करता था. उनकी और उनके प्रेमी की सूचना उसके घरवालों को दे देता […]