विदेश

मध्य अफ्रीकी गणराज्यः सोने की खदान पर हमला, 9 चीनी नागरिकों की मौत

बांगुई (Bangui)। मध्य अफ्रीकी गणराज्य (Central African Republic) में बंदूकधारियों (snipers) ने रविवार को चीन द्वारा संचालित एक सोने की खदान (gold mine attack) पर धावा बोल दिया। इस हमले में खदान में काम कर रहे नौ चीनी नागरिकों की मौत हो गई (Nine Chinese citizens died) और दो अन्य घायल हो गए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी कंपनी में हाल ही में इस खदान में कार्य शुरू किया था। बाद में पीड़ितों के शव राजधानी बांगुई लाए गए। स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि हमलावरों की तलाश की जा रही है। निवासियों का कहना है कि हिंसा की नवीनतम घटना सुरक्षा बलों में विश्वास की कमी को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सरकार देश में रहने वाले मध्य अफ्रीकियों और विदेशी नागरिकों की रक्षा करने में नाकाम दिख रही है।

हालांकि, किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन संदेह विद्रोही गुटों के गठबंधन पैट्रियट्स फॉर चेंज या सीपीसी पर किया जा रहा है। जो इस क्षेत्र में सक्रिय है और नियमित रूप से देश की सशस्त्र बलों पर हमले करते आया है। इस विद्रोही गुटों के गठबंधन का पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा बोजिजे की तरफ झुकाव है। लेकिन सीपीसी ने एक बयान जारी कर वाग्नेर समूह के रूसी भाड़े के सैनिकों पर हिंसा के पीछे होने का आरोप लगाया है। हालांकि, उसने कोई सबूत नहीं दिया है।


विकास की नींव पर हमला
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बंदूकधारियों ने चिम्बोलो सोने की खदान (Chimbolo gold mine) पर सुबह करीब पांच बजे हमला किया था। बंदूकधारियों ने पहले साइट पर तैनात सुरक्षा गार्ड पर काबू पा लिया और गोलियां चलानी शुरू कर दीं। अधिकारियों ने कहा कि खनन स्थल का शुभारंभ कुछ दिन पहले ही हुआ था। अधिकारियों का कहना है कि चीनी व्यापारियों पर हमला विद्रोहियों की कायरता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सीपीसी के कारण न केवल देश की आर्थिक गति को नुकसान पहुंचा है, बल्कि अब यह विकास की नींव पर हमला कर रहा है। यह अस्वीकार्य है।

कैमरून की सीमा के पास मध्य अफ्रीकी गणराज्य के पश्चिम में तीन चीनी नागरिकों के अपहरण के कुछ दिनों बाद ही यह हमला हुआ। इससे निवेशकों को आश्वस्त करने के लिए राष्ट्रपति फॉस्टिन अर्चांगे टौडेरा को चीन की यात्रा की योजना प्रभावित हो सकती है।

बता दें, मध्य अफ्रीकी गणराज्य सोने और हीरे की विशाल खनिज संपदा के बावजूद दुनिया के सबसे गरीब देशों में शामिल है। पिछले एक दशक में विद्रोही गुटों ने खनन में लगी विदेशी कंपनियों के कार्य में बाधा डाली है। यहां कई चीनी कंपनियां में खनन के कार्य में लगी हैं, लेकिन उन्हें सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।

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