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Chandrayaan-3: लैंडिंग से पहले जोश में ISRO चीफ, बोले- बैकअप का भी बैकअप है तैयार

नई दिल्ली (New Delhi)। देश अब से कुछ घंटों में नया इतिहास रचने (Country Create new history) जा रहा है। आज शाम छह बजकर 4 मिनट पर हमारा चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) का लैंडर विक्रम (Lander Vikram) चांद को चूमेगा। इसको लेकर जहां पूरे देश में उत्साह है, वहीं पूरी दुनिया की नजरें भी इस मिशन पर टिकी हैं। लैंडिंग का वक्त जैसे-जैसे करीब आ रहा है, वैसे ही लोगों की धड़कनें भी तेज हो रही हैं। विक्रम की सफल लैंडिंग के लिए मंदिर से लेकर मस्जिद तक कामना की जा रही है। इन सबके बीच इसरो चीफ एस सोमनाथ (ISRO Chief S Somnath) मिशन की सफलता को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि चंद्रयान-2 अभियान से सीख लेते हुए हमने इस बार गलतियों की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी है। चंद्रयान-3 अभियान (Chandrayaan-3 mission) की सफलता के लिए बैकअप का भी बैकअप प्लान तैयार है। पेश हैं इसरो प्रमुख से बातचीत के प्रमुख अंश।

लैंडिंग के लिए कैसी तैयारी है?
लैंडर विक्रम बिल्कुल ठीक तरह से काम कर रहा है। हमें पूरा विश्वास है कि यह एक सफल मिशन होगा। यह आत्मविश्वास उस काम से आ रहा है, जो हमारी टीमों ने 2019 में चंद्रयान-2 की हार्ड लैंडिंग के बाद पिछले चार वर्षों में की। ऐसे में यह अति आत्मविश्वास नहीं है। हमने पूरी प्रणाली का कई स्तर पर सत्यापन किया है।


अब तक कोई कठिनाई आई है?
मिशन के दौरान सब कुछ हमारी योजना के अनुसार हुआ। हमें कुछ आश्चर्यजनक नतीजे भी मिले। पहले हमने योजना बनाई थी कि प्रणोदन मॉड्यूल करीब तीन से छह माह कक्षा में सक्रिय रहेगा लेकिन अतिरिक्त ईंधन होने की वजह से प्रणोदन मॉड्यूल कई वर्षों तक कक्षा में जीवंत रह सकता है।

पिछली गलतियों से बचने के लिए इस बार बेहतर ढंग से तैयार हैं?
हां। चंद्रयान-2 अंतिम चरण तक ठीक चला, लेकिन हम सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर पाए, क्योंकि हम अधिक वेग से उतरे थे। चंद्रयान-2 के दौरान हमारी एक गलती यह थी कि हमने लैंडिंग स्थल को 500×500 मीटर के सीमित क्षेत्र में रखा था। हमने कई और गलतियां की, जिनका सामना यान को करना पड़ा। इस बार हम बेहतर ढंग से तैयार हैं।

ऐसी क्या बातें हैं, जो लैंडिंग के समय गलत हो सकती हैं?
हमें ऐसा नहीं सोचना चाहिए। यदि ऐसा होना है, तो सब गलत हो सकता है। यदि चीजों को हमारे अनुसार चलना है, तो कुछ गलत नहीं होगा। सवाल यह होना चाहिए कि यदि कुछ गलत हुआ तो क्या हम स्थिति संभालने को तैयार हैं? और इसका उत्तर है, हां।

‘चंद्रयान-3’ की सफलता भविष्य के मिशनों के लिए कितनी अहम है?
पिछले कुछ वर्षों में हमने वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग में अपनी जगह बनाई है। हम काफी कम लागत पर खोजपूर्ण मिशन सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए जाने जाते हैं। चंद्रयान-3 के बाद हमारे पास कुछ बड़े मिशन हैं।

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