देश

भगवान गणेश की भक्ति में डूबा ईसाई शख्स, दो करोड़ में बनवाया भव्‍य सिद्धि विनायक मंदिर

मुंबई. गैबरिएल नाजेरथ (Gabriel Nazareth) जब 13 साल के थे तो जेब में 3 रुपये डालकर मुंबई (Mumbai) आ गए थे. उन्‍हें यह नहीं पता था कि कहां जाना है और क्‍या करना है. गैबरिएल ने कई रातें फुटपाथ पर गुजारीं और पेट भरने के लिए कई तरह के छोटे-मोटे काम भी किए. आखिर में एक दिन उन्‍हें मुंबई में सिद्धि विनायक मंदिर (Sri Siddhi Vinayak Temple) के पास में स्थित एक मेटल डाई की दुकान पर नौकरी मिली. इसके बाद वह रोजाना जब भी सिद्धि विनायक मंदिर के बाहर से निकलते, तो हाथ जोड़कर भगवान से प्रार्थना करते थे. धीरे-धीरे वह भगवान गणेश के भक्‍त हो गए.

गैबरिएल ने मेटल डाई की दुकान पर पूरी मेहनत से काम किया और बाद में अपना खुद का बिजनेस खोल लिया. समय के साथ उन्‍होंने अच्‍छा पैसा कमाया. लेकिन एक दिन उन्‍होंने तय किया कि वह अपने गांव वापस जाएंगे और रिटायर्ड जिंदगी जिएंगे. गैबरिएल ने अपना कारोबार बेच दिया और सामान अपने भरोसेमंद कर्मचारियों को दे दिया. इसके बाद वह कर्नाटक के उडुपी से 14 किलोमीटर दूर स्थित अपने गांव शिरवा आ गए. इस दौरान उनके मां-बाप की मृत्‍यु हो चुकी थी और उनके सभी भाई-बहन अलग-अलग जगहों पर बस गए थे.


वह इतने साल भी अपने परिवार से संपर्क में रहे थे. उन्‍होंने शादी नहीं की थी. उनके पास शिरवा में एक पुश्‍तैनी जमीन थी. एक दिन गैबरिएल ने उस जमीन पर अपने मां-बाप की स्‍मृति में भगवान गणेश का मंदिर बनाने की निर्णय लिया. इसके बाद उन्‍होंने अपनी कमाई से वहां श्री सिद्ध‍ि विनायक मंदिर का निर्माण करवाया. यह मंदिर अगस्‍त 2020 में बनना शुरू हुआ था और अब जाकर पूरी तरह बन गया है. गैबरिएल के दो दोस्‍त सतीश शेट्टी और रत्‍नाकर कुकियां को मंदिर का ट्रस्‍टी बनाया गया है.

सतीश शेट्टी ने कहा, ‘गैबरिएल ने अपने जीवन में कई मुश्किलों का सामना किया है. कई दिन तो उसने बिना खाए बिताए हैं. उसका मानना है कि अब उसे जो कुछ भी मिला है, वो भगवान सिद्धि विनायक के आशीर्वाद से मिला है. अभी मंदिर में कुछ पूजा बची हैं, हम उन्‍हें अगले महीने पूरा करेंगे.’ हालांकि एक ईसाई व्‍यक्ति द्वारा म‍ंदिर बनाए जाने से कुछ लोगों को आपत्ति भी हुई.

गैबरिएल का कहना है, ‘कोई क्‍या सोचता है, मैं इससे परेशान नहीं होता. फिर वो चाहे मेरा परिवार हो, गांववाले हों या कोई और. मैंने यह मंदिर अपने मां-बाप की स्‍मृति में बनवाया है. मैं रोजाना मंदिर जाकर खुश होता हूं.’ गैबरिएल ने मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति भी हूबहू मुंबई के श्री सिद्धि विनायक मंदिर की मूर्ति जैसी ही बनवाई है. शेट्टी का कहना है, ‘उसे चर्च जाने से नहीं रोका गया. वह ईसाई है, जो भगवान सिद्धि विनायक को मानता है. उसने तो चर्च के पादरी को भी मंदिर के शुभारंभ पर आमंत्रित किया था. लेकिन किसी कारण से वह नहीं आए थे. हालांकि उन्‍होंने मंदिर आने का वादा किया है.’ गैबरिएल की उम्र अब 77 साल है.

Share:

Next Post

इन्दौर में 15 एकड़ न्याय नगर की जमीन के साथ 49 लाख भी मद्दा ने हड़पे

Tue Jul 20 , 2021
जमीन मालिकों से पौने 2 करोड़ का अनुबंध संस्था के नाम करवाया और फिर जमीन की रजिस्ट्री अपनी जेबी संस्था के नाम करवा ली भगोड़े भूमाफिया ने इंदौर। भूमाफियाओं (land mafia) के चंगुल ( clutches) में फंसी न्याय विभाग कर्मचारी गृह विभाग (justice department employees home decision department) की साधारण सभा (general assembly) कल आयोजित […]