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गुजरात में चक्रवात बिपरजॉय के संभावित खतरे से निपटने के लिए आपात बैठक की मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने


गांधीनगर । गुजरात में (In Gujarat) चक्रवात बिपरजॉय के संभावित खतरे से निपटने के लिए (To deal with Possible Threat of Cyclone Biparjoy) बुधवार को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (CM Bhupendra Patel) ने स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में (In State Emergency Operation Center) आपात बैठक में (In an Emergency Meeting) तैयारियों का जायजा लिया (Reviewed the Preparations) । मीटिंग के दौरान रिलीफ कमिश्नर आलोक पांडेय ने मुख्यमंत्री को राज्य सरकार की तैयारियों की जानकारी दी। ये भी बताया कि राज्य सरकार जानमाल की क्षति कम करने के लिए किस तरह के कदमों को उठा रही है।


गुजरात के आठ जिलों से 47,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बुधवार की शाम तक प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम पूरा होने की बात भी कही गई। बैठक के दौरान वरिष्ठ प्रमुख सचिवों, सचिवों समेत दूसरे अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को संबंधित विभागों की तैयारियों से जुड़ी रिपोर्ट दी। अधिकारियों ने बताया कि जूनागढ़ जिले से 4,462, कच्छ से 17,739, जामनगर से 8,542, पोरबंदर से 3,469, द्वारका से 4,863, गिर सोमनाथ से 1,605, मोरबी से 1,936 और राजकोट से 4,497 समेत कुल 47,113 लोगों को निकाला गया है।

रिलीज कमिश्नर ने जानकारी देते हुए बताया कि एनडीआरएफ की 18 और एसडीआरएफ की 12 टीम को चक्रवात के संभावित असर वाले जिलों में तैनात किया गया है। एनडीआरएफ की टीम कच्छ, द्वारका, राजकोट, जामनगर, जूनागढ़, पोरबंदर, गिर-सोमनाथ, मोरबी और वलसाड में तैनात हैं। जबकि, एसडीआरएफ की टीम को कच्छ, जामनगर, द्वारका, जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, मोरबी, पाटन और बनासकांठा में रखा गया है। सूरत में एक रिजर्व टीम की तैनाती है।

एहतियात के तौर पर विभिन्न जिलों से 4,000 से ज्यादा होर्डिग्स हटाए गए हैं। पश्चिम गुजरात विज कंपनी लिमिटेड (पीजीवीसीएल) ने चक्रवात के प्रभाव के खत्म होने के बाद पावर सप्लाई ठीक करने के लिए 597 टीम को तैयार रखा है। केंद्रीय मौसम विभाग के क्षेत्रीय निदेशक मोहंती ने उत्तर गुजरात के बनासकांठा, साबरकांठा, पाटन जैसे जिलों में 15 जून को बारिश की संभावना भी जताई है। राज्य सरकार ने इन जिलों में जरूरी तैयारियां करने के निर्देश दिए हैं।

बिपरजॉय चक्रवात को देखते हुए तटीय इलाकों के सरकारी स्कूलों में शेल्टर होम बनाए गए हैं। जिसमें खाने-पीने के सामानों के साथ दवाईयों भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद है। इन इलाकों के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों, सरकारी अस्पतालों और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं को तैयार रखने की हिदायत दी गई है। चक्रवात के दौरान दूरसंचार सेवाओं पर पड़ने वाले असर को देखते हुए सेटेलाइट फोन्स और हैम रेडियो की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। मोबाइल सेवा देने वाली कंपनियों को भी एहतियातन वैकल्पिक टावरों को चालू रखने को कहा गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए राज्य सरकार संबंधित जिलों के साथ तालमेल बैठाकर काम कर रही है।

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