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CM सरमा का राहुल गांधी की कैम्ब्रिज स्पीच पर पलटवार, बोले- पीएम मोदी की छवि धूमिल करने का काम किया

नई दिल्‍ली (New Delhi) । राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के कैम्ब्रिज पर दिए भाषण पर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता सरमा (Chief Minister Himanta Sarma) ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की हर बात का चुन-चुनकर जवाब दिया है। उन्होंने एक टि्वटर पर एक थ्रेड में सिलसिलेवार ढंग से अपनी बात रखी है। इसमें हिमंता ने राहुल गांधी के सभी आरोपों का तथ्यात्मक ढंग से जवाब दिया है। हिमंता ने लिखा है कि पहले तो विदेशी एजेंटों ने हमें निशाना बनाया। अब हमारे लोग ही विदेशी धरती पर जाकर हमें निशाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने कैम्ब्रिज में प्रधानमंत्री मोदी की छवि धूमिल करने का काम किया है।

भारतीय लोकतंत्र पर सवाल उठाने को लेकर
हिमंता ने अपने ट्वीट में लिखा है कि राहुल गांधी का कहना है भारतीय लोकतंत्र खतरे में है। इसके चलते वह खुलकर अपनी बात नहीं रख पा रहे। इसके जवाब में हिमंता कहते हैं कि तथ्य यह है कि उन्होंने 4000 किमी की यात्रा की। इस दौरान उनके साथ कहीं किसी तरह की घटना-दुर्घटना नहीं हुईं। ऐसा हुआ मोदी सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सुरक्षा व्यवस्था के चलते। लेकिन क्या हमें राहुल गांधी को याद दिलाना होगा कि कांग्रेस शासन में भाजपा नेताओं की यात्राओं को कैसे निशाना बनाया जाता था?


अगर उनके फोन में पेगासस था तो…
हिमंता आगे लिखते हैं कि राहुल गांधी कहते हैं उनके फोन में पेगासस सॉफ्टवेयर था। इस बारे में उन्हें एक अधिकारी चेतावनी दी थी। हिमंता बताते हैं कि फैक्ट यह है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए उनका फोन मांगा था तो उन्होंने इसे जमा करने से इंकार कर दिया था। बाद में इस मामले की गहन जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट इस नतीजे पर पहुंचा था कि पेगासस के होने का कोई सुबूत नहीं है।

भारत में माइनॉरिटी असुरक्षित है?
असम के मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है कि राहुल गांधी कहते हैं कि भारत में मुसलमान असुरक्षित हैं। मुसलमानो के साथ दोयम दर्जे के नागरिक का बर्ताव होता है। इसके जवाब में हिमंता लिखते हैं कि मई 2014 के बाद से भारत में सांप्रदायिक घटनाएं सबसे कम हुई हैं। वहीं, भारतीय मुस्लिमों की संपन्नता में दोगुना इजाफा हुआ है। इसके अलावा मुस्लिम समुदाय के विभिन्न नेताओं ने मोदी सरकार में अपना विश्वास जताया है।

भारत की तुलना यूरोप से?
हिमंता बिस्वा सरमा ने अपनी अगली थ्रेड में लिखा है कि राहुल गांधी कहते हैं भारत यूरोप के आधार पर बने राज्यों का संघ है। उन्होंने लिखा है कि सच यह है कि भारतीय सभ्यता हजारों साल पुरानी है। तब यूरोप का उदय भी नहीं हुआ था। फिर भी राहुल गांधी को लगता है कि हम यूरोप के आधार पर बने हैं?

चीन की तारीफ से चुका रहे कर्ज
राहुल गांधी ने अपने भाषण में चीन की तारीफ की है और उसे एक उभरती हुई महाशक्ति बताया है। उन्होंने बीआआई का एग्जांपल दिया है। हिमंता ने इसका जवाब देते हुए लिखा है कि सच यह है कि बीआरआई ही आज दुनिया के कई देशों में कर्ज संकट के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने तंजिया अंदाज में पूछा है कि क्या अंकल पित्रोदा ने उन्हें इसके बारे में बताया नहीं?

मैन्यूफैक्चरिंग पर उठने वाले सवालों पर
हिमंता आगे लिखते हैं कि राहुल गांधी ने कहा कि लोकतंत्र में मैन्यूफैक्चरिंग को लेकर सवाल उठाए हैं। जब उनकी दादी इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र को सस्पेंड कर दिया था, जब वाकई मैन्यूफैक्चरिंग नहीं बढ़ी थी। लेकिन आज जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएलआई स्कीम्स की शुरुआत की है तो यह बढ़ी है।

क्या यह है कांग्रेस का 2024 का एजेंडा
आगे हिमंता पूछते हैं कि क्या कांग्रेस का 2024 के लिए यही एजेंडा है कि भारत को कम्यूनिस्ट तानाशाही युग में वापस ले जाया जाए? राहुल ने कहा कि चीन का बौद्धिक संपदा अधिकारों में विश्वास नहीं करना एक गहन और शक्तिशाली अवधारणा है। असम के सीएम ने कहा कि वह पूछना चाहेंगे कि क्या पी चिदंबरम भी सोचते हैं कि कॉपीराइट कानूनों को हटाने और पाइरेसी को प्रोत्साहित करने से मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा?

गांधी परिवार चुका रही चीन का कर्ज
असम के मुख्यमंत्री लिखते हैं कि राहुल गांधी ने स्वीकार किया है कि वह चीन और कम्यूनिस्ट पार्टी के नेताओं से प्रभावित हैं। इन लोगों ने उनके विचारों को शक्ल दी है। उन्होंने आगे लिखा कि चीन के लिए इस ढंग से तारीफ का मतलब समझ में आता है। गांधी परिवार को वहां से जो डोनेशंस मिली हैं, वह अब उसका कर्ज उतार रहे हैं।

कश्मीर में मिलिटेंट्स के देखने पर
राहुल ने कहा था कि कश्मीर में उन्हें मिलिटेंट्स ने देखा और वह जानते थे कि उन्हें निशाना नहीं बनाया जाएगा। इस पर हिमंता ने पूछा कि आखिर यह जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को क्यों नहीं दी गई? क्या कांग्रेस और आतंकियों के बीच राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर कोई सहमति बनी थी?

शहीदों का अपमान कर रहे हैं
राहुल गांधी ने कहा है कि पुलवामा हमला एक कार बम था, जिसमें 40 जवान मारे गए। इस पर हिमंता बिस्वा सरमा लिखते हैं कि हमारे जवानों का अपमान करने की उनकी हिम्मत कैसे हुई? यह कोई बम नहीं था, यह एक आतंकी हमला था। उन्होंने तंज करते हुए सवाल किया कि क्या कांग्रेस और आतंकियों में इस कदर की आपसी समझ बन चुकी है?

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