- दो दिन में ही एकजुटता की हवा निकली
इंदौर। धार्मिक त्योहारों की अनुमति मांगने गए कांग्रेस नेताओं पर लाठीचार्ज के बाद कांग्रेस अब दो हिस्सों में बंटी नजर आ रही है। गुरुवार को लाठीचार्ज के विरोध में कांग्रेस के प्रमुख नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल डीआईजी से मिलने पहुंचा था और चार दिन में धारा 353 हटाने की चेतावनी देकर लौट आया था, लेकिन कल फिर कुछ कांग्रेसी नेता आईजी से मिलने पहुंच गए और अपने खिलाफ हुई कार्रवाई को गलत बताया। प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के दो विधायक और अध्यक्ष ही नहीं पहुंचे।
बड़े दिनों बाद कांग्रेस ने जंगी प्रदर्शन किया था, लेकिन कांग्रेसियों को आशा नहीं थी कि प्रशासन उनके ऊपर इस तरह से लाठीचार्ज करेगा और वॉटर केनन का उपयोग करेगा। इसमें कांग्रेस के कई नेताओं को चोंटें आई थीं। वहीं प्रशासन ने एक पुलिसकर्मी की शिकायत पर प्रदर्शनकारी कांग्रेसियों पर धारा 353 के तहत मुकदमा भी दर्ज करवा दिया। इस मुकदमे में विधायक संजय शुक्ला और जीतू पटवारी का नाम शामिल नहीं किया गया। इसी को लेकर गुरुवार को विधायक पटवारी, शुक्ला के नेतृत्व में कांग्रेस के नेता डीआईजी मनीष कपूरिया से मिलने पहुंचे थे और कहा था कि पुलिस ने उन पर गलत धारा लगाई और शांतिपूर्ण अपनी बात रखने गए कांग्रेसियों पर लाठीचार्ज किया, इसकी जांच होना चाहिए।
कांगे्रसियों ने चार दिन की चेतावनी भी दी और कहा कि अगर धाराएं वापस नहीं ली गईं तो चार दिन बाद कांग्रेस आंदोलन करेगी, लेकिन कल फिर कांग्रेसी आईजी हरिनारायणचारी मिश्र से मिलने पहुंच गए। नगर अध्यक्ष बाकलीवाल शहर से बाहर थे तो जिलाध्यक्ष यादव नहीं आए। वहीं अगुवाई संजय शुक्ला ने की। जीतू पटवारी का इंतजार होता रहा, लेकिन वे नहीं आए। बाकी राजेश चौकसे, चिंटू चौकसे, पिंटू जोशी, सुरजीतसिंह चड्ढा, अमन बजाज, रघु परमार, शैलेष गर्ग, रमेश उस्ताद, देवेन्द्रसिंह यादव ही मौजूद थे। कुल जमा 25 कांगे्रसी भी आईजी से मिलने इक_ा नहीं हो पाए, जबकि विधानसभा के साथ-साथ मंडलम अध्यक्षों और मोर्चा अध्यक्षों को भी बुलाया गया था। कुछ नेताओं का कहना था कि जब डीआईजी से मिल लिए थे तो आईजी से चार दिन बाद मिलते, लेकिन अपनी नेतागीरी चमकाने के चक्कर में फिर दूसरे दिन अधिकारियों के पास पहुंच गए। बताया जा रहा है कि जिन नेताओं की पुलिस ने ज्यादा पिटाई की है वे चाहते हैं कि पुलिस अधिकारियों पर एक्शन हो, इसलिए वे यहां-वहां पुलिस के खिलाफ ज्ञापन भेज रहे हैं।
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