- नवनियुक्त महिला अध्यक्ष को लेकर उठे विरोध के स्वर दबाने के लिए
इन्दौर। दो दिन पहले प्रदेश कांग्रेस की महिला अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद कांग्रेस नेत्रियों ने कल दिनभर दबे स्वर में विरोध करना शुरू कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस महिला अध्यक्ष को लेकर उपजे विरोध के स्वर को दबाने के लिए प्रदेश कांग्रेस दो कार्यकारी महिला अध्यक्ष बनाने का विचार कर रही है, जिसकी घोषणा जल्द ही हो सकती है।
पूर्व में प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष के निधन के बाद खाली पड़े पद को भरने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसमें अपनी खासी रुचि लेते हुए एक बार पुन: इस पद को मालवा की झोली में डालते हुए अर्चना जायसवाल को प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष कमान सौंपी है। मगर पूर्व मुख्यमंत्री के इस निर्णय का कल दिनभर दबे स्वरों में विरोध होता रहा। मंगलवार को हुई नियुक्ति को लेकर कल प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं के पूरे दिन फोन घनघनाते रहे और प्रदेश में पुरुषों के साथ पार्टी को मजबूत बनाने के लिए काम करने वाली अन्य महिला नेत्रियों ने इस नियुक्ति पर हस्तक्षेप की मांग करते हुए इस पर पुन: विचार करने की बातें उनसे कही हंै। सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि दिनभर उठे विरोध के स्वर को दबाने के लिए प्रदेश कांग्रेस जल्द ही नवनियुक्त महिला अध्यक्ष के साथ दो कार्यकारी महिला अध्यक्ष की घोषणा करने पर विचार कर रही है। कार्यकारी महिला अध्यक्षों के जरिए कांग्रेस जातिगत समीकरणों को भी साधने का प्रयास करेगी। सूत्रों के अनुसार जो महिला नेत्रियां पहले अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल थीं, उनमें से ही दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाई जाएंगी। अध्यक्ष पद के लिए पूर्व में मुख्य रूप से नूरी खान और विभा पटेल के साथ ही रश्मि पंवार, विजेता त्रिवेदी, बिंदु डागोर, कविता पांडे भी दावेदार के रूप में मैदान में थीं, मगर अब देखना यह है कि इनमें से किस महिला नेत्री की लॉटरी लगती है और कौन प्रदेश में महिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के दो पदों पर काबिज हो पाती हैं।