भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

सेवा की आड़ में गरीबों का धर्मांतरण नहीं होने देंगे

  • शहीद बिरसा मुंडा की जयंती पर मुख्यमंत्री ने किया ऐलान

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि पांचवी अनुसूची के प्रावधानों पर विचार कर अमल में लाया जाएगा। सामाजिक न्याय हमारी प्रतिबद्धता है। धर्मान्तरण के कुचक्र को रोकने प्रभावी कदम उठाये गये हैं। सेवा की आड़ में धर्मान्तरण नहीं होने दिया जाएगा। वे देशभक्त बिरसा मुण्डा की जयंती पर आयोजित जनजाति गौरव दिवस कार्यक्रम को संबोधित कररहे थे। शिवराज ने कहा कि शहीद बिरसा मुण्डा ने भारतीय अस्मिता, स्वतंत्रता की रक्षा और अंग्रेजों के दमन तथा शोषण के विरूद्ध अपना जीवन निर्भीक होकर समर्पित कर दिया। स्वतंत्रता आन्दोलन में मध्यप्रदेश के जनजातीय नायकों के शौर्य और वीरता का उजला इतिहास रहा है। मध्यप्रदेश सरकार इन महान जनजातीय नायकों द्वारा स्थापित अनुसूचित जनजातीय संस्कृति, परम्परा, गौरवशाली इतिहास को अक्षुण्ण बनाने तथा सामाजिक समरसता के लिए और उन्हें शोषण से मुक्त करने के लिये दृढ़संकल्पित होकर कार्य कर रही है।

खजाने का बड़ा हिस्सा गरीबों के लिए
चौहान ने कहा कि सरकार सबकी है। मध्यप्रदेश के खजाने का बड़ा हिस्सा गरीबों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान में व्यय किया जा रहा है। चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में समरसता छात्रावास बनाये जाएंगे, जिसमें समाज के हर वर्ग के बच्चे पढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के सभी छात्रावासों में निश्चित प्रतिशत में जनजातीय छात्र-छात्राओं के लिये सीट आरक्षित की जायेगी। अनुसूचित जनजाति छात्रावास में 10 प्रतिशत स्थान पर सभी वर्गों के गरीब छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया जायेगा। शासन का प्रयास सामाजिक समरसता को बढ़ाने के लिए है।

सूदखोरी रोकने बनेगा कानून
चौहान ने कहा कि जनजातियों के सशक्तीकरण के लिये राज्य सरकार कटिबद्ध है। नियम विरूद्ध बिना लायसेंस ऊंची दर पर ब्याज देने वाले सूदखोरों के विरूद्ध कार्रवाई के लिये कानून बनाया गया है। नियम विरूद्ध कर्जा देने पर जनजातियों के सारे कर्ज माफ हो गये हैं। जनजातियों के वनोपज पर सहज स्वाभाविक अधिकार को और पुख्ता किया जायेगा। कम दाम पर वनोपज बिकेगी तो समर्थन मूल्य पर राज्य सरकार उसे खरीदेगी। कोदो-कुटकी, ज्वार, मक्का आदि के खाद्य प्रसंस्करण के प्रयास होंगे।

25 नवंबर को होगा सम्मान समारोह
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में 15 नवम्बर बिरसा मुण्डा का जन्मदिवस हर वर्ष जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस वर्ष 25 नवम्बर के दिन जनजातीय नायकों को सम्मान देने के लिये एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन मध्यप्रदेश सरकार करेगी। शहीद बिरसा मुण्डा हमारी प्रेरणा हैं। उनके द्वारा स्थापित परम्परा, संस्कृति भारत की मूलधारा है। चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने सामाजिक समरसता के मूलमंत्र को स्वीकारा है। भारत की संस्कृति बहुरंगी है। मध्यप्रदेश की जनजातीय मूलधारा को और अधिक पल्लवित किया जायेगा। उसे किसी भी स्थिति में मुरझाने नहीं दिया जायेगा। चौहान ने कहा कि राज्य शासन के आदिम जाति कल्याण विभाग का नाम बदलकर जनजातीय कार्य विभाग किया जाएगा। जनजातीय संग्रहालय में जनजातियों की कला, संस्कृति, नृत्य, परम्परा और जीवन मूल्यों को सहेजने की कोशिश की गयी है।

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