बड़ी खबर व्‍यापार

देश का बजट इस बार भी रहेगा डिजिटल, टाली गई ‘हलवा सेरेमनी’

– कोविड-19 की वजह से बजट की न्यूनतम प्रतियों की होगी छपाई

नई दिल्ली। देश का आम बजट (country’s general budget) इस साल भी हरित होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) एक फरवरी, 2022 को अपना चौथा बजट पेश करेंगी। बजट दस्तावेज ज्यादातर डिजिटल (Budget documents mostly digital) रूप में उपलब्ध होंगे। हालांकि, भौतिक रूप से इसकी कुछ प्रति उपलब्ध होगी। कोविड-19 महामारी की वजह से कर प्रस्तावों की प्रस्तुति और वित्तीय विवरण से जुड़े दस्तावेजों की बड़ी संख्या में छपाई इस बार भी नहीं होगी। आधिकारिक सूत्रों ने बतायाकि परंपरागत हलवा सेरेमनी को भी इस बार टाल दिया गया है।


आमतौर पर बजट दस्तावेज की कई सौ प्रतियों की छपाई होती रही है। लेकिन, कोविड-19 की वजह से एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के कर प्रस्तावों की प्रस्तुति और वित्तीय विवरण से जुड़े दस्तावेजों की छपाई इस बार नहीं होगी। संख्या के लिहाज से यह इतनी लंबी प्रक्रिया थी कि बजट की छपाई से जुड़े कर्मचारियों को नॉर्थ ब्लॉक के ‘बेसमेंट’ में प्रिंटिंग प्रेस के अंदर कुछ हफ्ते के लिए अकेले रहना पड़ता था। हालांकि, बजट दस्तावेजों के संकलन को डिजिटल रूप देने के लिए कर्मचारियों के एक छोटे समूह को पृथक रहने की जरूरत होगी। दरअसल वित्त मंत्रालय का दफ्तर भी नॉर्थ ब्लॉक में है।

सूत्रों के मुताबिक कोविड-19 प्रकोप के चलते इस बार परंपरागत ‘हलवा सेरेमनी’ को भी अलविदा कह दिया गया है। कर्मचारियों के घर-परिवार से अलग रहने और बजट दस्तावेज की छपाई का काम परंपरागत ‘हलवा सेरेमनी’ से शुरू होता रहा है। इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री, वित्त राज्य मंत्री और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होते हैं। बजट दस्तावेज में संसद में वित्त मंत्री के दिए जाने वाले भाषण की मुख्य बातें, वार्षिक वित्तीय विवरण, कर प्रस्तावों वाले वित्त विधेयक, वित्तीय विधेयक में प्रावधानों की व्याख्या करने वाला ज्ञापन और वृहत आर्थिक रूपरेखा का ब्योरा शामिल होता है। इनमें मध्यम अवधि की राजकोषीय नीति सह राजकोषीय नीति रणनीति बयान, योजनाओं के परिणाम रूपरेखा, सीमा शुल्क अधिसूचना, पिछली बजट घोषणा आदि होते हैं।

उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से, बजट प्रतियों की छपाई कम होती गई। हालांकि, शुरुआत में पत्रकारों और बाहरी विश्लेषकों को वितरित की जाने वाली बजट की प्रतियों में कमी की गई। इसके बाद कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को दी जाने वाली प्रति में कटौती की गई इस साल कोविड-19 महामारी के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर और भी पाबंदियां लगाई गई है। (एजेंसी, हि.स.)

Share:

Next Post

पाकिस्तान खुद पहल क्यों नहीं करता?

Thu Jan 27 , 2022
– डॉ. वेदप्रताप वैदिक पाकिस्तान ने अभी-अभी नई सुरक्षा नीति प्रचारित की थी, जिसमें भारत से सहज संबंध बनाने की वकालत की गई थी और अब उसने भारतीय विदेश मंत्रालय को एक नया प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव में भारत से मांग की गई है कि पाकिस्तान के मुस्लिमों, हिंदुओं और सिखों को अपने-अपने तीर्थों […]