
सूरत। पूरी दुनिया आतंकी संकट से गुज़र रही है ऐसे में गुजरात के सूरत एक आदिवासी परिवार ने अपने पिता का अंतिम संस्कार गांव की सड़क पर ही कर दिया। परिवार ने आरोप लगाया है कि उन्हें श्मशान घाट में अंतिम संस्कार की इजाजत नहीं मिली थी, जिस कारण उन्हें सड़क पर ही अंतिम संस्कार करना पड़ा। उनसे इसका कारण पूछने पर उन्होंने बताया कि फीस के तौर पर जो पैसे की मांग की गई थी वो उनके पास नहीं होने से उन्हें ये कदम उठाना पड़ा।
मजदूरी का काम करने वाले 45 वर्षीय मोहन कुमार राठौड़ की मौत हो गई थी। परिवार उनका अंतिम संस्कार करने के लिए धार्मिक मैसूर्या पहुंचे, वहां इनसे कहा गया कि अंतिम संस्कार की फीस अब 1100 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दी गई है। गांव के लोगों के मुताबिक मृत के बेटे ने कहा कि उनके पास इतने पैसे नहीं है। परन्तु श्मशान घाट वाले लोग नहीं माने और उन्हें अंतिम संस्कार की इजाजत नहीं दी। जिस पर परिवार के लोगों ने लकड़ी लाकर मेन रोड पर ही अपने पिता का अंतिम संस्कार कर दिया। इस घटना के बाद इलाके के ऊंची जाति के लोग और आदिवासी समाज के बीच तनाव बढ़ गया है।
इस घटना के बाद इसी गांव के याज्ञनिक राठौड़ नाम के एक शख्स ने मृतक के बेटे शिव और उनके परिवार के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने की शिकायत दर्ज करवा दी।
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