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दिल्ली पुलिस का खुलासा: दिशा, निकिता और शांतनु ने बनाया टूलकिट

नई दिल्ली। टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस अब एक के बाद एक कड़ियां जोड़ती जा रही है। इस मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं और नए नाम भी सामने आ रहे हैं। दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद अब तक इसमें दो और नाम निकिता और शांतनु सामने आए थे। अब सोमवार को इसमें एक तीसरा नाम भी सामने आया, ये तीसरा नाम पीटर फेड्रिक का है। उधर दिल्ली पुलिस ने इस मामले में गूगल को लेटर भी भेजा था। गूगल की ओर से दिल्ली पुलिस की ओर से भेजे गए सवालों के जवाब भी भेज दिए गए हैं।

दिशा रवि ने जो टूलकिट एडिट किया था उसमें पीटर फेड्रिक को भी टैग किया था। इसके अलावा एक और बात पता चली है कि ये लोग खालिस्तानी भजन सिंह भिंडर के संपर्क में थे। भजन सिंह भिंडर खालिस्तानी है और पीटर फेड्रिक भी K2 से ताल्लुक रखता है। पीटर फेड्रिक का नाम टूलकिट के resouce में क्यों डाला गया इसकी जांच चल रही है। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल में ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर प्रेमनाथ ने सोमवार को इसके बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विस्तार से जानकारी दी।

इस मामले में एमओ धालीवाल का नाम भी सामने आ चुका है। उसका मकसद किसानों को गलत जानकारी देकर उकसाना था। शांतनु ने toolkit को बनाया था, 23 दिसंबर को एक वॉट्सऐप ग्रुप भी बनाया गया था, शांतनु बीड का रहने वाला है ये एक NGO XR से जुड़ा है जिससे निकिता भी जुड़ी हुई है, पेशे से इंजीनियर है। दिल्ली पुलिस एमओ धालीवाल पर भी नकेल कसने को तैयार है। पुलिस कोशिश करेगी कि उसे देश में लाकर जाँच ज्वाइन करवाई जाए।

पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद उसकी करीबी निकिता जैकब पर भी दिल्ली पुलिस स्पेशल ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, खालिस्तान संगठन से जुड़े पो जस्टिस के एमओ धालीवाल ने अपने कनाडा में रह रहे सहयोगी पुनीत के जरिये निकिता जैकब से संपर्क किया था।

इनका मकसद रिपब्लिक डे के पहले ट्विटर स्टॉर्म पैदा करना था। यह अलग बात है कि निकिता जैकब पहले भी पर्यावरण से जुड़े मुद्दे उठाती रहीं है। रिपब्लिक डे के पहले एक ज़ूम मीटिंग भी हुई थी। इस मीटिंग में एमओ धालीवाल, निकिता जैकब और दिशा रवि के अलावा अन्य लोग शामिल हुए थे।

मीटिंग में एमओ धालीवाल ने कहा था कि मुद्दे को बड़ा बनाना है। मकसद था किसानों के बीच असंतोष और गलत जानकारी फैलाना है। यहां तक कि एक किसान की मौत को पुलिस की गोली से हुई मौत बताया गया। 26 जनवरी की हिंसा के बाद अंतरराष्ट्रीय सेलिब्रिटी और एक्टिविस्ट से संपर्क किया गया था। चूंकि दिशा ग्रेटा को जानती थीं इसलिए उसकी मदद ली गई। चार दिन पहले स्पेशल सेल की टीम निकिता जैकब के घर गई थी।

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