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उज्जैन। देशमुख अस्पताल (Deshmukh Hospital) की परेशानी बढ़ती नजर आ रही है। 2 दिन पूर्व पुलिस ने अस्पताल प्रबंधन (Police Hospital Management) को पत्र जारी कर जानकारी मांगी थी जो देर रात तक अस्पताल की ओर से नहीं दी गई है। एक-दो दिन में जानकारी पुलिस तक नहीं पहुंची तो मामले में सख्त कार्रवाई हो सकती है।
अप्रैल माह की 25 तारीख को चिमनगंज थाना पुलिस ने रेमडेसीविर इंजेक्शन (Remdesiveer Injection)के कालाबाजारी के मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया था। जिसमें तीन देशमुख अस्पताल के कर्मचारी शामिल थे, जो कोरोना संक्रमित मरीजों के इंजेक्शन चोरी कर महंगे दाम में दूसरों को बेच रहे थे। गिरफ्तार किए गए अन्य 5 व्यक्ति आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज से नर्सिंग कोर्स कर चुके छात्र थे। सभी के खिलाफ रासुका की कार्रवाई पुलिस ने की है। वहीं मामले की जांच करते हुए कुछ दिन पूर्व पुलिस ने देशमुख अस्पताल में काम करने वाले तीनों कर्मचारियों के साथी अन्य स्टाफ की जानकारी मांगते हुए एक पत्र अस्पताल प्रबंधन को भेजा था जिसमें अस्पताल में इलाज के दौरान मरने वालों की जानकारी के साथ उनके अटेंडरों के मोबाइल नंबर, परिजनों द्वारा अपने मरीजों को लगाए जाने के लिए दिए गए इंजेक्शन की जानकारी, अस्पताल के समस्त स्टाफ सहित अन्य जानकारी मांगी थी। लेकिन 2 दिन बीतने के बाद भी अस्पताल की ओर से पुलिस को अब तक जानकारी नहीं दी गई है। मामले में पुलिस का कहना था कि पत्र जारी कर तत्काल प्रभाव से जानकारी देने के लिए कहा गया था। अगर एक-दो दिन में अस्पताल की ओर से पत्र में लिखी गई जानकारियां नहीं दी गई तो अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए प्रकरण दर्ज किया जा सकता है।