जीवनशैली स्‍वास्‍थ्‍य

सीनें में जलन के ये लक्षणों को न करें अनदेखा, इन गंभीर बीमारियों का हो सकता है संकेत

हार्टबर्न की समस्या से रोजोना ना जाने कितने लोग परेशान रहते हैं। हार्टबर्न (heartburn) में इंसान को छाती के ठीक बीच में तेज जलन महसूस होती है। ये दिक्कत कुछ मिनटों से लेकर कई घंटों तक आपकी मुश्किलें बढ़ा सकती है। ये कई बार प्रेग्नेंसी, गेस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिसीज (GERD) या एंटी-इनफ्लेमेटरी ड्रग्स लेने की वजह से हो सकता है। लेकिन छाती में होने वाली ये जलन कुछ मामलों में गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकते हैं।

एक हालिया स्टडी में दावा किया गया है कि हार्टबर्न की समस्या कैंसर और हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ने से भी जुड़ी हो सकती है। इसलिए शरीर में इसके वॉर्निंग साइन (warning sign) देखते ही आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

कई घंटों तक लगातार सीने में जलन रहना
सीने में जलन के लक्षणों का गंभीर होना या ऐसा लगातार होना
निगलने में कठिनाई या दर्द महसूस करना
सीने में जलन के कारण उल्टी होना
शरीर के वजन का अचानक से कम हो जाना
2 सप्ताह तक हार्टबर्न या इनडाइजेशन की दवाएं लेना और फिर लक्षण महसूस करना
गंभीर रूप से गला बैठना या घबराहट होना

कैंसर-
हार्टबर्न से जुड़ी समस्या कई बार गले (वॉइस बॉक्स) या पेट की आंत (जीआई ट्रैक्ट) में कैंसर के कारण भी हो सकती है। पेट की आंत में बहने वाला एसिड कई बार टिशू डैमेज कर देता है और इससे एसोफैगस एडिनोकार्सिनोमा (esophagus adenocarcinoma) विकसित हो जाता है। एक प्रसिद्ध बेरियाट्रिक सर्जन लिनास वेनक्लॉसकास के मुताबिक, हार्टबर्न के कारणों को समय रहते पता लगाकर इलाज ना किया जाए तो बैरेट्स एसोफैगस को ट्रिगर कर सकता है जो कि डाइजेशन सिस्टम में होने वाली एक प्री-कैंसर डिसीज है।

हायटस हर्निया-
जब पेट का हिस्सा डायफ्राम (diaphragm) में कमजोरी के कारण छाती के निचले हिस्से को ऊपर की तरफ धकेलता है तो इसे हायटस हर्निया कहा जाता है। इस समस्या को छाती में दर्द या जलन के वक्त जांच कराने पर ही पकड़ा जा सकता है। आमतौर पर ये दिक्कत 50 से ज्यादा उम्र के लोगों में देखी जाती है। जब तक लक्षण गंभीर ना हो तब तक इसका इलाज कराने की भी जरूरत नहीं पड़ती है। सीने में लगातार जलन बढ़ने पर इसका इलाज जरूर कराएं।



पेप्टिक अल्सर डिसीज-
पेप्टिक अल्सर डिसीज (peptic ulcer disease) से जूझ रहने लोग अक्सर इसे सीने में जलन समझकर नजअंदाज कर देते हैं। हार्टबर्न और पेप्टिक अल्सर डिसीज के लक्षण बिल्कुल एक जैसे होते हैं। इसलिए जी मिचलाने, उल्टी, जलन वाला दर्द और ब्लीडिंग के कारण मल के रंग बदलने जैसे लक्षणों पर भी ध्यान देना जरूरी है। ऐसा होने पर इसकी तुरंत जांच कराएं।

हार्ट अटैक-
हार्ट अटैक (heart attack) के मामले में भी कई बार लोग इसे हार्टबर्न समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। इनमें फर्क समझने के लिए कुछ लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है। सीने में दर्द, तेज हार्टबीट, चिपचिपी त्वचा, इनडाइजेशन और जी मिचलाना जैसे लक्षण हार्ट अटैक का वॉर्निंग साइन हो सकते हैं। सीने में जलन के साथ दर्द, मुंह का कड़वा स्वाद, लेटने पर दर्द बढ़ना, चटपटा खाने के बाद गले तक जलन बढ़ना हार्टबर्न के प्रमुख लक्षण होते हैं।

Share:

Next Post

'कौन हैं आरोपी, गिरफ्तार हुए या नहीं': लखीमपुर खीरी हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

Thu Oct 7 , 2021
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार (UP government) को शुक्रवार को यह बताने का निर्देश दिया कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले (Lakhimpur Kheri violence case) में दर्ज प्राथमिकी में आरोपी कौन हैं (Who are the accused) और उन्हें अब तक गिरफ्तार किया गया है या नहीं (Arrested yet […]